Thursday, October 28, 2021

खुश हो जाइए! Maruti Suzuki लॉन्च करेगी Flex Fuel इंजन वाली कार, जानें आपका क्या फायदा October 28, 2021 at 07:09PM

नई दिल्ली।Maruti Suzuki Flex Fuel Engine Powered Car Launch: बीते दिनों सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने साफ शब्दों में ऑटोमोबाइक कंपनियों को संदेश-निर्देश दिया कि वह जल्द ही Flex Fuel Engine बनाने पर जोर दें, ताकि इससे पर्यावरण प्रदूषण पर भी लगाम लगे और लोगों की जेब पर भी कम बोझ पड़े। अब आपके दिमाग में चल रहा होगा कि आखिरकार ये फ्लेक्स फ्यूल क्या है और सरकार इसपर जोर क्यों दे रही है? साथ ही ये भी सवाल होगा कि आखिरकार लोगों को इससे क्या फायदा होगा और यह पर्यावरण के लिए कैसे फायदेमंद होगा? इन सभी सवालों के जवाब तो देंगे ही, लेकिन उससे पहले ये जान लें कि मारुति सुजुकी ने कहा है कि वह जल्द ही फ्लेक्स फ्यूल इंजन वाली कार लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। ये भी पढ़ें- आपके सारे सवालों के जवाब ये रहे...अब एक-एक करके आपके सवालों के जवाब दें तो सबसे पहला सवाल है कि आखिरकार यह फ्लेक्स फ्यूल (What Is Flex Fuel) है क्या? आपको बता दें कि Flex fuel के नाम से ही पता चलता है कि इससे पावर्ड इंजन फ्यूल के मामले में फ्लेक्सिबल होंगे। यानी जो कार फ्लेक्स फ्यूल से चलेंगे, वो पेट्रोल (Petrol) और इथेनॉल (Ethanol) के कॉम्बिनेशन से चलेंगे। अब कंपनियों को अपनी कारों के इंजन में कुछ ऐसे बदलाव लाने होंगे या यूं कहें कि ऐसा इंजन बनाना होगा, जो कि फ्लेक्स फ्यूल पर चल सके। चूंकि इथेनॉल गन्ने से बनता है, ऐसे में अगर फ्लेक्स फ्यूल इंजन वालीं कारें आती हैं तो लोगों की जेब पर भी ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा, यानी उन्हें महंगे डीजल और पेट्रोल से थोड़ी राहत मिल सकेगी। ये भी पढ़ें- होंगे बहुत से फायदे!आपको बता दें कि नितिन गड़करी ने बीते दिनों कहा कि भारत में आने वाले 6-8 महीनों में फ्लेक्स फ्यूल की एंट्री हो जाएगी और फिर इसपर ऑटोमोबाइल कंपनियों को ध्यान देना पड़ेगा। अब गडकरी की इस बात को सीरियसली लेते हुए मारुति सुजुकी ने कहा है कि वह इस दिशा में प्रयासरत है और आने वाले समय में पहली फ्लेक्स फ्यूल इंजन पावर्ड कार पेश कर दी जाएगी। फिलहाल भारत में डीजल और पेट्रोल के साथ ही सीएनजी और इलेक्ट्रिक कारें हैं, जिसपर लोगों की निर्भरता है। अगर आने वाले समय में फ्लेक्स फ्यूल इंजन पावर्ड कार अस्तित्व में आती है तो निश्चित रूप से लोगों के लिए राहत लाएगी। साथ ही प्रदूषण पर भी कुछ लगाम लग सकेगा, क्योंकि इथेनॉल फॉसिल फ्यूल नहीं है। ये भी पढ़ें-

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