Thursday, April 29, 2021

इस महीने भारत में लॉन्च हुईं ये 4 नई मोटरसाइकिलें, जानें आपके बजट में कौन है सबसे बेस्ट? April 29, 2021 at 07:27PM

नई दिल्ली।आज हम आपको उन 4 नई मोटरसाइकिलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इस अप्रैल भारतीय बाजार में लॉन्च हुई हैं। इन बाइक्स में Hero HF 100, Bajaj Pulsar NS125, Bajaj CT110X, Yamaha R15 V3 शामिल हैं। हालांकि, इसमें से कुछ बाइक्स ऐसी भी हैं, जिनके केवल नए वेरिएंट ही लॉन्च किए गए हैं। आज हम आपको इन बाइक्स के परफॉर्मेंस और कीमतों के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके बाद आप खुद तय कर सकेंगे कि आपके बजट में इनमें से कौन सी बाइक सबसे बेहतर रहेगी। तो डालते हैं एक नजर...

आज हम आपको उन 4 नई मोटरसाइकिलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इस अप्रैल भारतीय बाजार में लॉन्च हुई हैं। इन बाइक्स में Hero HF 100, Bajaj Pulsar NS125, Bajaj CT110X, Yamaha R15 V3 शामिल हैं।


इस महीने भारत में लॉन्च हुईं ये 4 नई मोटरसाइकिलें, जानें आपके बजट में कौन है सबसे बेस्ट?

नई दिल्ली।

आज हम आपको उन 4 नई मोटरसाइकिलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इस अप्रैल भारतीय बाजार में लॉन्च हुई हैं। इन बाइक्स में Hero HF 100, Bajaj Pulsar NS125, Bajaj CT110X, Yamaha R15 V3 शामिल हैं। हालांकि, इसमें से कुछ बाइक्स ऐसी भी हैं, जिनके केवल नए वेरिएंट ही लॉन्च किए गए हैं। आज हम आपको इन बाइक्स के परफॉर्मेंस और कीमतों के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके बाद आप खुद तय कर सकेंगे कि आपके बजट में इनमें से कौन सी बाइक सबसे बेहतर रहेगी। तो डालते हैं एक नजर...



Hero HF 100
Hero HF 100

ये कंपनी की सबसे सस्ती बाइक है, जिसकी शुरुआती कीमत 50000 रुपये से भी कम है। इसमें पावर के लिए 97.2 सीसी का 4-स्ट्रोक, सिंगल सिलिंडर, फ्यूल इंजेक्टेड, एयर-कूल्ड इंजन दिया गया है। इसका इंजन 8,000 आरपीएम पर 7.91 bhp की मैक्सिमम पावर और 5,000 आरपीएम पर 8.05 Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करता है। इसका इंजन 4-स्पीड गियरबॉक्स से लैस है। यह बाइक केवल 'ब्लैक के साथ रेड' रंग में बिक्री के लिए उपलब्ध है।

कीमत- नई Hero HF 100 कंपनी की सबसे सस्ती बाइक है, जिसकी दिल्ली एक्स-शोरूम कीमत 49,400 रुपये है।



Bajaj Pulsar NS125
Bajaj Pulsar NS125

Bajaj Pulsar NS125 कंपनी की 125 सीसी सेगमेंट में आने वाली दूसरी बाइक है। Bajaj Pulsar NS125 में पावर के लिए 124.45 सीसी का बीएस6 कम्प्लायंट वाला इंजन दिया गया है। इसका इंजन 8,500 आरपीएम पर 11.82 bhp की मैक्सिमम पावर और 7,000 आरपीएम पर 11 Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करता है। इसका इंजन 5-स्पीड गियरबॉक्स से लैस है। यह बाइक चार कलर ऑप्शन्स में उपलब्ध है। इनमें Pewter Grey, Beach Blue, Fiery Orange और Burnt Red शामिल हैं।

कीमत- Bajaj Pulsar NS125 की दिल्ली एक्स-शोरूम कीमत 93,690 रुपये है।



Bajaj CT110X
Bajaj CT110X

Bajaj CT110X कंपनी के CT पोर्टफोलियो का नया टॉप एंड वेरिएंट है, जो चार कलर वेरिएंट में उपलब्ध है। इसमें चौड़े क्रॉस सेक्शन, राउंड हेडलाइट और ऑल ब्लैक वाइजर दिया है। इसमें मोटा क्रेश गार्ड और मोल्डेड फुटहोल्ड्स दिए गए हैं। इसमें 115 सीसी का DTS-i इंजन दिया गया है, जो 7500 आरपीएम पर 8.4 bhp की मैक्सिमम पावर और 5000 आरपीएम पर 9.81 Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करता है।

भारतीय बाजार में इसकी दिल्ली एक्स-शोरूम कीमत 55,494 रुपये रखी है।



Yamaha R15 V3 Metallic Red
Yamaha R15 V3 Metallic Red

यामाहा मोटर इंडिया ने इस महीने अपनी YZF-R15 V3.0 का नया कलर वेरिएंट लॉन्च किया। यह स्पोर्ट्स बाइक अब नए मैटेलिक रेड कलर में उपलब्ध। यह बाइक अब कुल तीन कलर ऑप्शन में बिक्री के लिए उपलब्ध है। इनमें रेसिंग ब्लू, थंडर ग्रे और डार्क नाइट शामिल हैं। इसमें 155 सीसी का लिक्विड-कूल्ड, 4-स्ट्रोक, SOHC, फ्लूल इंजेक्टेड, 4-वाल्व वाला इंजन दिया गया है, जो 10,000 आरपीएम पर 18.3 bhp की मैक्सिमम पावर और 8500 आरपीएम पर 14.1 Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करता है। इसका इंजन 6-स्पीड गियरबॉक्स से लैस है।

Yamaha R15 V3 Metallic Red की दिल्ली एक्स-शोरूम कीमत 152,100 रुपये है।




Suzuki Motorcycle के कारखानों पर पड़ा कोरोना का असर, कंपनी ने घटाया काम करने का समय April 29, 2021 at 07:39AM

नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से इस समय पूरा देश लड़ रहा है। तीन लाख से ज्यादा मामले रोजाना आ रहे हैं। ऐसे में कई राज्यों में लॉकडाउन लागू है। इन सब के बीच अब ( Motorcycle India) ने अपने हरियाणा के गुरुग्राम प्लांट में शिफ्ट की संख्या घटा दी है। कंपनी ने 28 अप्रैल से 1 मई 2021 के दौरान अपने शिफ्ट की संख्या को 3 से घटा कर 1 कर दिया है। यानी इन 4 दिनों में कंपनी के प्रोडक्शन प्लांट में 3 शिफ्ट की जगह केवल एक शिफ्ट में काम होगा। बता दें कि सरकार ने वाहन निर्माताओं सेअपील की है कि वे औद्योगिक ऑक्सीजन का इस्तेमाल न करें, जिससे कोविड-19 के मरीजों को ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई मिल सके। इसके कारण कई वाहन कंपनियों ने अपने वाहनों को प्रोडक्शन कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया है।

9 दिनों तक बंद रहेंगे देश की सबसे बड़ी कार कंपनी के कारखाने, कोरोना के मरीजों को दी जाएगी ऑक्सीजन April 29, 2021 at 06:58AM

नई दिल्ली। इंडिया () ने हरियाणा में अपने गुरुग्राम और मानेसर प्लांट को बंद करने की घोषणा की है। कंपनी की तरफ से बताया गया है कि 1 मई से 9 मई 2021 के दौरान उसके इन दोनों प्लांट में वाहनों का प्रोडक्शन नहीं होगा। इतना ही नहीं, कंपनी यह फैसला अपने मारुति की मूल कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूरे स्वामित्व वाले प्लांट सुजुकी मोटर गुजरात के लिए लागू किया है। यानी, यहां भी वाहनों का प्रोडक्शन नहीं होगा। कंपनी की तरफ से बताया गया है कि वह समय का इस्तेमाल वार्षिक मेनटेनेंस के लिए करेगी। दरअसल, देशभर में कोरोना के हालात को देखते हुए सरकार ने सभी वाहन निर्माताओं से अपील की वे औद्योगिक ऑक्सीजन का इस्तेमाल न करें, जिससे कोविड-19 के मरीजों को ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई मिल सके। बता दें कि 25 अप्रैल 2021 को भारत सरकार की तरफ से एक सर्कुलर (परिपत्र) जारी किया गया था। इसमें डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत रोगियों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की पर्याप्त और बिना रुके आपूर्ति की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजन के सभी औद्योगिक उपयोग को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि मौजूदा समय में सभी वाहन निर्माताओं को इस आदेश का पालन करना चाहिए। वहीं, जो कंपनियां प्रोडक्शन चालू रखना चाहती हैं उन्हें वैकल्पिक गैसों का इस्तेमाल करना होगा। मार्च महीने में बढ़ा प्रोडक्शन मारुति सुजुकी ने मार्च 2021 में कुल 172,433 वाहनों का प्रोडक्शन किया। जबकि, मार्च 2020 में मारुति ने कुल 92,540 यूनिट्स का प्रोडक्शन किया था। यानी, पिछले साल के मार्च महीने के मुकाबले इस साल मार्च महीने में मारुति ने 86.33 फीसदी ज्यादा वाहनों का प्रोडक्शन किया है। यहां ध्यान देना जरूरी है कि पिछले साल कोरोना के कारण भारत सरकार ने मार्च महीने में पूरे देशभर में लॉकडाउन लगा दिया था, जिसके चलते मारुति के वाहनों के प्रोडक्शन और बिक्री में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई।

19 महीनों में 2.5 लाख कारों की बिक्री से Kia ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, हर 2 मिनट में बिक रही एक गाड़ी April 29, 2021 at 05:00AM

नई दिल्ली। किया मोटर्स इंडिया (Kia Motors India) भारत में सबसे तेज 2.5 लाख कारों की बिक्री करने वाली कार कंपनी बन गई है। कंपनी ने हाल ही में अपना नया कॉर्पोरेट ब्रांड लोगो भारत में पेश किया है। इसी दोरान कंपनी ने वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी कुल बिक्री का आंकड़ा जारी किया। यहां जानकारी के लिए बता दें कि Kia ने भारतीय बाजार में अगस्त 2019 से अपनी कारों की बिक्री शुरू की थी। इसके 19 महीनों के अंदर कंपनी ने 2.5 लाख बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया है। मौजूदा दौर में Kia भारतीय बाजार में अपनी तीन कारो की बिक्री कर रही है। इनमें कॉम्पैक्ट एसयूवी, Kia Carnival प्रीमियम एसयूवी और सबकॉम्पैक्ट एसयूवी शामिल हैं। Seltos भारत में Kia की पहली कार थी। इसके बाद Carnival लॉन्च हुई। Sonet कंपनी की सबसे नई कार है। के वाइस प्रेसिडेंट और हेड सेल्स एंड मार्केटिंग हरदीप सिंह ब्रार ने बताया कि भारत में बिकने वाली हर तीसरी कॉम्पैक्ट एसयूवी Kia Seltos है। वहीं, देश में बिकने वाली हर छठी सबकॉम्पैक्ट एसयूवी Kia Sonet है। कंपनी की तरफ से बताया गया है कि देश में हर दो मिनट में Kia की एक कार बिक रही है। और Sonet अगले महीने भारत में होंगी लॉन्च Kia Motors ने अपने सभी नए कॉर्पोरेट लोगो (Logo) और ग्लोबल ब्रांड स्ट्रेटिजी पर से आधिकारिक रुप से पर्दा हटा दिया है। कंपनी अपनी Kia Sonet सबकॉम्पैक्ट एसयूवी और Kia Seltos कॉम्पैक्ट एसयूवी को नए लोगो के साथ लॉन्च करने के लिए तैयार है। हाल ही में ऑन लाइन इंटरनेट और सोशल मीडिया पर इन गाड़ियों की नए लोगो के साथ तस्वीरें दिखाई दीं। दक्षिण कोरियाई कार निर्माता भारतीय बाजार में मई 2021 के पहले सप्ताह में अपनी Kia Seltos और Sonet को नए लोगो और अपडेट फीचर्स के साथ लॉन्च करेंगी।

पिछले 12 महीनों में इन 10 मोटरसाइकिलों ने मचाई भारत में धूम, आपकी पसंद कौन? April 29, 2021 at 02:40AM

नई दिल्ली। भारतीय बाजार में बिकने वाली टॉप-10 बेस्ट सेलिंग मोटरसाइकिलों की वित्तवर्ष-2021 की लिस्ट आ गई है। आसान भाषा में कहें, तो अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के दौरान बिकने वाली सभी टॉप-10 बाइक्स की लिस्ट आ गई है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि इन 12 महीनों में कौन सी 10 बाइक्स को भारतीय ग्राहकों की तरफ से सबसे ज्यादा पसंद किया। तो डालते हैं एक नजर...
रैंक टॉप-10 मोटरसाइकिलों के नाम अप्रैल 2020 और मार्च 2021 के दौरान कितनी बिक्री हुई अप्रैल 2019 और मार्च 2020 के दौरान कितनी बिक्री हुई थी बिक्री में कितना अंतर आया
1 Hero Splendor 24,60,248 यूनिट्स 26,32,800 यूनिट्स 6.55 फीसदी बिक्री घटी
2 HeroHF Deluxe 16,61,272 यूनिट्स 20,50,974 यूनिट्स 19 फीसदी बिक्री घटी
3 Honda CB Shine 9,88,201 यूनिट्स 9,48,384 यूनिट्स 4.20 फीसदी बिक्री बढ़ी
4 Bajaj Pulsar 9,45,978 यूनिट्स 8,56,026 यूनिट्स 10.51 फीसदी बिक्री बढ़ी
5 Hero Passion 4,87,455 यूनिट्स 5,02,264 यूनिट्स 2.95 फीसदी बिक्री घटी
6 Hero Glamour 4,62,912 यूनिट्स 6,02,623 यूनिट्स 23.18 फीसदी बिक्री घटी
7 Bajaj Platina 4,51,685 यूनिट्स 5,78,237 यूनिट्स 21.89फीसदी बिक्री घटी
8 Royal Enfield Classic 350 3,61,140 यूनिट्स 3,98,144 यूनिट्स 9.29 फीसदी बिक्री घटी
9 TVS Apache 3,25,644 यूनिट्स 3,65,237 यूनिट्स 10.84 फीसदी बिक्री घटी
10 Bajaj CT 2,83,027 यूनिट्स 4,80,204 यूनिट्स 41.06 फीसदी बिक्री घटी
अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के दौरान देश की सबसे ज्यादा बिकने वाला बाइक रही, जहां इसके 24,60,248 यूनिट्स की भारतीय बाजार में बिक्री हुई। वहीं, इस दौरान HeroHF Deluxe देश की दूसरी सबसे ज्यादा बिकने वाला बाइक रहा। इन 12 महीनों में टॉप-3 बेस्ट सेलिंग मोटरसाइकिलों में हीरो की दो बाइक्स के अलावा HondaCB Shine ने अपनी जगह बनाई है। टॉप-10 बेस्ट सेलिंग मोटरसाइकिलों की लिस्ट में Hero की सबसे ज्यादा 4 बाइक्स शामिल हैं। इसके बाद इस लिस्ट में Bajaj की 3 मोटरसाइकिलों ने अपनी जगह बनाई है। वहीं, इस लिस्ट में TVS, Royal Enfield और Honda की 1-1 बाइक शामिल हैं।

चीन से कितना आत्मनिर्भर हुआ भारतीय ऑटो सेक्टर: करन शाह से Exclusive बातचीत April 28, 2021 at 10:05PM

नई दिल्ली। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। यही कारण है कि केंद्र सरकार की तरफ से दो साल पहले इलेक्ट्रिक वाहनों पर केंद्र सरकार ने GST की दरों को 12 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी कर दिया था। वहीं, राज्य सरकारों की तरफ से भी इलेक्ट्रिक वाहनों पर कई अलग-अलग सब्सिडी दी जा रही हैं। पिछले साल फरवरी महीने में हुए ऑटो एक्सपो 2020 (Auto Expo 2020) में इलेक्ट्रिक वाहनों का एक तरफा दबदबा देखने को मिला था। ऐसे में हमने इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़े तमाम सवालों और ऑटो सेक्टर के मौजूदा हालात पर & के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर करन शाह () से Exclusive बातचीत की। ये रहे उसके कुछ अंश... सवाल: भारत में पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में तेजी दर्ज की गई है। आप भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों के सेगमेंट में दूसरे देशों के मुकाबले अभी कैसे देखते हैं? जवाब: भारत सरकार, फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाईब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स यानी फेम (FAME) नाम के स्किम के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मांग को बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और सरकार इसके लिये बहुत हद तक महत्वकांक्षी भी है। इसके अलावा, नेशनल मिशन ऑन ट्रांसफॉर्मेटिव मोबिलिटी एंड बैटरी स्टोरेज के माध्यम से डॉमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने से भी इस योजना को बल मिला है। साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार में सुधार जारी है और नए बिजनेस मॉडल को लगातार मिल रही स्वीकृति से भारत का इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का बाजार आने वाले दशक में एक बड़ा मक़ाम हासिल करने को तैयार है। भारत में प्रति 1000 व्यक्ति में से 22 लोगों के पास कार हैं , वहीं अमेरिका में ये संख्या 980 जबकि यूनाइटेड किंगडम में 850 तक है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का कहना है कि भारत और दुनिया के इन विकसित देशों के बीच का ये अंतर, भारतीय कंपनियों को एक जबरदस्त क्षमता और मौका देता है जिससे वे ऑटोमोबाइल के बाज़ार में अपनी एक परिपक्व स्थान हासिल कर सकते हैं। हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहनों के इस आवागमन की राह में कुछ अड़चने भी हैं जिनको पूरी तरह ठीक करने में काफी वक्त लगेगा। जैसे चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव और फिर गाड़ियों के मेंटेनेंस की जानकारी जैसे कुछ अहम समस्या है। इसके अलावा ग्राहकों के मन में नये-नवेले तकनीक के प्रति एक डर या फिर एक हिचकिचाहट और सामान्य गाड़ियों की तुलना में इलेक्ट्रिक कार की कीमतों में एक बड़ा अंतर भी ऐसी कुछ चुनौतियां हैं, जिन्हें ठीक करने की जरूरत है। सवाल: भारत सरकार और राज्य सरकारों की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने साल 2019 में इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST की दरों को 12 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी कर दिया। 2 साल बाद आप सरकार से इलेक्ट्रिक वाहनों के सेगमेंट में किस तरह की मदद की उम्मीद करते हैं? जवाब: ये ठीक बात है कि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाले GST को काफी कम किया है, लेकिन गाड़ियों के खरीदे जाने से पहले सरकार को समूचे देश में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत / बेहतर / विकसित करने की जरूरत है। इसके अलावा सरकार को सब्सिडी और दूसरे तरह के मदद को उन स्टार्टअप्स को, ओइएम्स यानी वाहन के पार्ट्स प्रोड्यूस करने वाले कंपनियों को मुहैया कराने की जरूरत है जो कि भारत में इस तकनीक को लोकलाईज करने में जुटे हुए हैं। बहुत सारे देशों ने मसलन अमेरिका, नीदरलैंड, स्वीडन आदि ने ओइएम्स को या फिर ग्राहकों को सीधा नगद सब्सिडी और दूसरे छूट दिए हैं। ये मॉडल भारत में भी काम में लाया जा सकता है। इलेक्ट्रिक वाहनों के मार्केट में आने के साथ रिट्रोफिटिंग वाले जगह मुहैया कराना जहां चार्जिंग के मांग को बढ़ाने, इंफ्रास्ट्रक्चर और दूसरे जरूरी सेवाओं को बेहतर बनाने की व्यवस्था हो। सवाल: कोरोना महामारी से भारतीय ऑटो सेक्टर को पिछले साल काफी नुकसान हुआ, लेकिन वित्तवर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में काफी तेजी से सुधार दर्ज की गई। लेकिन, अब देश में कोरोना की दूसरी लहर देखी जा रही है। ऐसे में आप कोरोना काल में या आने वाले कुछ महीनों में भारतीय ऑटो सेक्टर की स्थिती को कैसे देखते हैं? जवाब: वाहन उद्योग में लगातार 2 साल (2019 और 2020 ) मंदी देखी गई।आर्थिक वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में भी वाहन उद्योग के अच्छे दिन आ रहे थे, लेकिन इसी बीच कोविड-19 की दूसरी लहर आ गई। इस दूसरी लहर के कारण वाहन उद्योग पर निश्चित रूप से नकारात्मक प्रभाव होगा, क्योंकि लॉकडाउन आदि के कारण वाहनों की बिक्री में रुकावट आएगी। हालांकि, दूसरी ओर, हमने कॉमर्शियल वाहनों के साथ-साथ भारत में ट्रैक्टरों की बिक्री में पिछले जबरदस्त उछाल देखा है, जो आगे भी जारी रहने की अपेक्षा है। कोविड-19 महामारी के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार को बड़ी चुनौती मिल सकती है, क्योंकि महामारी के कारण लोगों के आय पर असर हुआ है, और क्योंकि पारंपरिक वाहन ईवी की तुलना में सस्ते आते है इसलिए लोगों का झुकाव पारंपरिक वाहनों के तरफ ही ज्यादा रहेगा। सवाल: हाल ही में भारत सरकार की तरफ से स्क्रैपेज पॉलिसी को घोषणा की गई। इस फैसले का कॉर्पोरेट जगत ने काफी सराहना की। सरकार के इस फैसले को आप कैसे देखते हैं। इसके अलावा भारत की अर्थव्यवस्था और ऑटो सेक्टर में आप सरकार के इस कदम को कितना क्रांतिकारी मानते हैं? जवाब: नई स्क्रेपेज पॉलिसी निश्चित रूप से भारत में प्राइवेट व्हीकल्स और कॉमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री को बढ़ावा देगी - चाहे वो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हों या इंटरनल कम्बशन व्हीकल्स। आखिरकार, ये नीति व्हीकल्स को लगातार समझने में मदद करेगी जो ये सुनिश्चित करेगी कि हमारे पास कम प्रदूषण वाले सुरक्षित व्हीकल्स सड़क पर हों। कुल मिलाकर, स्क्रेपेज पॉलिसी में ये वादा किया गया है कि इसके ज़रिये 10,000 करोड़ रुपये का निवेश कर 50,000 नए रोजगार के अवसरों को पैदा किया जा सकता है। सवाल: हम सब ने देखा कि कोरोना काल के दौरान चीन से आयात किए जाने वाले ऑटो पार्ट्स की सप्लाई प्रभावित हुई, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से 'Aatma Nirbhar Bharat' का नारा दिया गया। आप इस मूहीम को भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए कितना जरूरी मानते हैं। क्या यह एक बदलाव की शुरुआत है? या आपको लगता है कि जैसे स्थिती दोबारा से सामान्य होगी हम फिर से चीन पर निर्भर हो जाएंगे? जवाब: 'आत्मनिर्भर भारत' बनने की इच्छा निश्चित रूप से महत्वकांक्षी और काम आने वाले चाह है लेकिन फिलहाल, हम इससे बहुत दूर हैं। भारत में बहुत से इंडस्ट्रीज अब भी न केवल चीन पर निर्भर हैं बल्कि वे कई दूसरे देशों पर भी सामान और टेक्नोलॉजी के आयात के लिहाज से निर्भर हैं। भारत में 4 बड़े ऑटोमैन्युफैक्टरिंग हब हैं। इनमें उत्तर में दिल्ली-गुड़गांव-फरीदाबाद, पश्चिम में मुंबई-पुणे-नाशिक-औरंगाबाद बेल्ट, दक्षिण में चेन्नई- बेंगलुरु-होसुर और पूर्व में जमशेदपुर-कोलकाता। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने वित्त वर्ष 2018-19 में करीब 31 मिलियन यानी 3 करोड़ 10 लाख व्हीकल्स को बनाया जिसमें पैसेंजर व्हीकल्स/ यात्री वाहन, कॉमर्शियल व्हीकल्स / वाणिज्यिक वाहन, तीन पहिया वाहन, दो पहिया वाहन और चार पहिया साईकिल शामिल थे। साथ ही, वित्त वर्ष 2018-19 में मैन्युफैक्चर किये गए 30.9 मिलियन यानी तकरीबन 3 करोड़ 10 लाख वाहनों में से भारत ने 4.6 मिलियन यानी तकरीबन 46 लाख वाहनों का निर्यात किया। अब ये भारतीय उद्यमियों और उद्योगों पर निर्भर है कि वे आत्मनिर्भर बनने के लिए सप्लायर्स और टेक्नोलॉजी वेंचर्स का एक इकोसिस्टम बनाएं। और इस इकोसिस्टम के बनने के दौरान पूंजी, बुनियादी ढांचे के स्तर पर सरकार की तरफ से मदद दी जा सकती है। सवाल: Retrofitting solutions के बारे में आप क्या बताना चाहेंगे? जवाब: 2030 तक भारतीय सड़कों पर बसों की संख्या 3 मिलियन यानी 30 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। इसी तरह, दूसरे सार्वजनिक परिवहन की संख्या में भी इसी गति से इज़ाफ़ा होना तय है। अगर हम सिर्फ कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के नाम पर मौजूदा बसों के फ्लीट में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को शामिल करते चले जायेंगे, तो हमारे शहर की सड़कों पर गाड़ियों की भीड़ इकट्ठी हो जाएगी। ऐसे में, व्यवहारिक समाधान ये है कि मौजूदा व्हीकल्स को रेट्रोफिटिंग के माध्यम से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में अपग्रेड किया जाय, साथ-ही-साथ, सीमित संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों को जोड़ा जाए। ये न केवल वाहनों की संख्या को भी सीमित रखेगा बल्कि हमारे व्हीकल्स से निकलने वाले कार्बन इमिशन को भी कम करेगा।