Wednesday, September 29, 2021

मोदी सरकार के इस मंत्री के आदेश से बदल जाएगा गाड़ी का इंजन, जानिए क्या होगा बदलाव September 29, 2021 at 07:26PM

नई दिल्ली। केंद्रीय परिवहन एंव राजमार्ग मंत्री पर्यावरण को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मंत्री ने पहले भी कई ऐसे अहम फैसले लिए हैं, जिससे पर्यावरण को दूषित होने से बचाने में सहयोग हुए हैं। इसी क्रम में गडकरी फ्लेक्स इंजन बनाने की योजना बना रहे हैं जो भारत में अनिवार्य रूप से एक से अधिक ईंधन पर चल सकते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एंव राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बयान में कहा, "अगले तीन से चार महीने में एक आदेश जारी करेंगे। इस आदेश में सभी वाहन निर्माताओं को फ्लेक्स इंजन यानी वैकल्पिक ईंधन वाले इंजन के वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग को अनिवार्य किया जाएगा।" आपको बता दें करीब दो साल से नितिन गडकरी कार कंपनियों से फ्लेक्स इंजन बनाने की अपील कर रहे थे, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया गया था। अब पहली बार इस तरह के इंजन के लिए आदेश जारी किया जाएगा। वहीं एक बार जब इस आदेश को जारी किया जाएगा तो, कार कंपनियों को इस आदेश का पालन करना अनिवार्य हो जाएगा। यह आदेश ठीक वैसे ही काम करेगा, जैसा कि इससे पहले बीएस6 इंजन के वाले आदेश के साथ हुआ था। जानिए क्या होता है फ्लेक्स इंजन भारत में फिलहाल 20 परसेंट इथेनॉल के मिश्रण की इजाजत है। फ्लेक्स इंजन वो इंजन होते हैं जिसमें पेट्रोल और इथेनॉल या मेथनॉल के मिश्रण का भी प्रयोग किया जा सकता है। नए आदेश में अगर इथेनॉल की मात्रा बढ़ाई जाती है, तो कार कंपनियों को अपने इंजन में बदलाव करना जरूरी पड़ जाएगा। इसलिए उन्हें इंजन में भी जरूरी मॉडिफिकेशन करना होगा। यही वजह है कि नितिन गडकरी कार कंपनियों से इंजन में बदलाव करने को कह रहे हैं। वैसे ऑटो इंडस्ट्री केवल अकेला ऐसा क्षेत्र नहीं है, जो वैकल्पिक ईंधन के उपयोग पर जोर दे रहा है। मेथनॉल भी रसोई गैस का विकल्प है और इससे पहले नीति आयोग मेथनॉल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात कर चुका है। नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने पहले ईंधन के रूप में मेथनॉल के विकास के लिए लगभग 5,000 करोड़ रुपये के निवेश का विचार रखा था। भारतीय मानक ब्यूरो ने 2017 में मेथनॉल को ईंधन के रूप में प्रमाणित किया था। खैर अभी इस दिशा में जारी है, अभी भी इसे पूरा करना एक सपना जैसा है।

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