Wednesday, January 26, 2022

भारतीय सेना की लाइफ लाइन हैं ये 10 गाड़ियां, चीन से पाकिस्तान तक में मचा रखी है खलबली January 26, 2022 at 05:47AM

नई दिल्ली।Republic Day 2022: देश 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। देश हमारे उन जवानों, महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहा है, जिन्होंने देश की आन-बान-शान के लिए अपने प्राणों तक को न्यौछावर कर दिया। हमारे रक्षा बल अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर गश्त लगाने से लेकर हर विपरीत परिस्थितियों को झेलते हैं। ऐसी स्थितियों में उनकी मदद करने वाले कुछ बेहद दमदार वाहन होते हैं, जो न केवल हमारी सीमाओं की हर एक इंच की रक्षा के लिए हर वक्त, हर परिस्थिति में तत्पर रहते हैं, बल्कि उन्हें दुश्मन के हमलों से भी सुरक्षित रखते हैं। आइए एक नज़र डालते हैं, सेना की तरफ से इस्तेमाल की जाने वाली इन गाड़ियों, जो न सिर्फ देश बल्कि जवानों को भी दुश्मनों की बुरी नजर से बचा कर रखती हैं।

Republic Day 2022: देश 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। आज हम आपको उन 10 गाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पिछले कई सालों से भारतीय सेना का हिस्सा हैं।


भारतीय सेना की लाइफ लाइन हैं ये 10 गाड़ियां, चीन से पाकिस्तान तक में मचा रखी है खलबली

नई दिल्ली।

Republic Day 2022: देश 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। देश हमारे उन जवानों, महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहा है, जिन्होंने देश की आन-बान-शान के लिए अपने प्राणों तक को न्यौछावर कर दिया। हमारे रक्षा बल अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर गश्त लगाने से लेकर हर विपरीत परिस्थितियों को झेलते हैं। ऐसी स्थितियों में उनकी मदद करने वाले कुछ बेहद दमदार वाहन होते हैं, जो न केवल हमारी सीमाओं की हर एक इंच की रक्षा के लिए हर वक्त, हर परिस्थिति में तत्पर रहते हैं, बल्कि उन्हें दुश्मन के हमलों से भी सुरक्षित रखते हैं। आइए एक नज़र डालते हैं, सेना की तरफ से इस्तेमाल की जाने वाली इन गाड़ियों, जो न सिर्फ देश बल्कि जवानों को भी दुश्मनों की बुरी नजर से बचा कर रखती हैं।



Kalyani M4
Kalyani M4

चीन के साथ तनाव के दौरान लद्दाख में सफलतापूर्वक परीक्षण किए जाने के बाद Kalyani M4 इस साल की शुरुआत में भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हो गई है। इस कार का इस्तेमाल कई जरूरी चीजों के लिए किया जाता है। Kalyani M4 आठ लोगों को ले जा सकता है। इसकी पेलोड क्षमता 2.3 टन है।



Mahindra MPV-I
Mahindra MPV-I

इस व्हीकल को विशेष रूप से पहाड़ी इलाकों में आतंकवाद विरोधी और नक्सल विरोधी ऑपरेशन का संचालन करने के लिए भारतीय बलों की सुरक्षा के लिए 2010 में डिजाइन किया गया था। महिंद्रा के अनुसार, MPV-I 10 किलो के तात्कालिक विस्फोटक उपकरण/ एक्सप्लोसिव डिवाइस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है, जबकि अंडर कैरिज 21 किलो टीएनटी विस्फोट को सीधे किसी भी पहिये के नीचे झेल सकता है। यह गन पोर्ट, मल्टी-लेयर्ड बैलिस्टिक ग्लास, प्रोटेक्टेड फ्यूल टैंक और STANAG 4a बैलिस्टिक प्रोटेक्शन से लैस है।



Mahindra Armoured Light Specialist Vehicle
Mahindra Armoured Light Specialist Vehicle

महिंद्रा आर्मर्ड लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल (ASLV) एक बख्तरबंद वाहन है, जो B7, STANAG लेवल II तक बैलिस्टिक प्रोटेक्शन प्रदान करता है। क्रू केबिन के अंदर हथियार और गोला-बारूद ले जाने के अलावा ASLV में अतिरिक्त 400 किलोग्राम कार्गो भार वहन करने की क्षमता भी है। इसे स्वचालित ग्रेनेड लांचर, मीडियम मशीन गन माउंट, ब्लास्ट मिटिगेशन फ्लोर मैट और भी बहुत कुछ से इसे लैस किया जा सकता है।



Renault Sherpa
Renault Sherpa

Renault Sherpa को नाम टैक्टिकल व्हीकल की लाइट फैमिली की लिस्ट में आता है, जिसे भारत में मल्टिपल डिफेंस फोर्सस के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) शामिल है। इसमें विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया 4x4 चेसिस है और वाहन में उच्च पेलोड क्षमता है। रेनॉल्ट शेरपा के भारी बख्तरबंद संस्करण का उपयोग सीआरपीएफ जैसे रक्षा बलों द्वारा आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए भी किया जा रहा है, क्योंकि यह वाहन आसानी से विस्फोटों का सामना कर सकता है। इसमें अंदर चार लोग बैठ सकते हैं, जो अंदर से किसी भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं।



Tata Merlin
Tata Merlin

टाटा मर्लिन एक हल्का बख़्तरबंद बहु-भूमिका वाला वाहन (LAMV) है। यह STANAG 4569 स्तर -1 की सुरक्षा देती है। यह ग्रेनेड और खदान विस्फोटों तक को आसानी से झेल सकती है।



Mahindra Marksman
Mahindra Marksman

यह बख़्तरबंद कैप्सूल-आधारित हल्का बुलेटप्रूफ वाहन है, जिसमें कुल छह लोग बैठ सकते हैं। यह वाहन न केवल छोटे फायरआर्म्स बल्कि ग्रेनेड हमलों से भी बचाती है। इसमें '270-डिग्री ट्रैवर्स एंड प्रोटेक्शन' के साथ एक क्यूपोला मशीन गन माउंट है। इसके अलावा, इसमें पैसेंजर कम्पार्टमेंट का पांच साइड आर्मरिंग भी मिलता है जो 5.56 x 45 मिमी SS109 बारूद से सुरक्षा प्रदान करता है।



Mahindra Meva Straton Plus APC
Mahindra Meva Straton Plus APC

Meva Straton Plus फोर्ड F550 पर निर्मित एक बख्तरबंद पर्सनल कैरियर/ वाहक है ,जिसमें 12 लोग बैठ सकते हैं। यह विस्फोटों और बैलिस्टिक से बचाती है। इसे विशेष रूप से आईईडी विस्फोटों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। Straton Plus गश्त/पेंट्रोलिंग, स्पेशल फोर्स ऑपरेशन, किसी काफिले की सुरक्षा, दंगा नियंत्रण और रेगिस्तान में छापेमारी जैसे सुरक्षा कार्यों के लिए उपयुक्त है। इसमें मल्टी-लेयर्ड बैलिस्टिक ग्लास, रनफ्लैट टायर, रूफ हैच / बुर्ज और इंटरकॉम मानक के रूप में हैं, लेकिन ब्लास्ट एटेन्यूएटिंग सीट्स, ब्लास्ट मिटिगेशन फ्लोर मैट, फायर सप्रेशन सिस्टम और बहुत कुछ के साथ इसे लोड किया जा सकता है।



Maruti Suzuki Gypsy
Maruti Suzuki Gypsy

Maruti Suzuki Gypsy कार 1985 में भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हुई थी, उसी साल इसे भारत में लॉन्च किया गया था। हालांकि मारुति सुजुकी ने 2018 में जनता के लिए जिप्सी का उत्पादन बंद कर दिया था। इस कार को दोबारा तब शुरू किया जब भारतीय सेना ने रक्षा मंत्रालय से इसके इस्तेमाल को लेकर छूट हासिल कर ली। इसका इस्तेमाल पेंट्रोलिंग व्हीकल के रूप में होता है।



Tata whAP
Tata whAP

टाटा व्हील्ड आर्मर्ड प्रोटेक्शन (WhAP) वाहन को DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) प्रयोगशाला के साथ सह-विकसित किया गया है और अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित मुश्किल जगहों पर इस्तेमाल की जाती है। यह टाटा डिफेंस कॉम्बैट व्हील्ड आर्मर्ड एम्फीबियस प्लेटफॉर्म पर आधारित है और इसमें एम्फीबियस ड्राइव मोड के साथ-साथ हाइड्रो-न्यूमेटिक स्ट्रट्स के साथ इंडिपेंडेंट सस्पेंशन मिलता है। यह एक साथ 10 से 12 कर्मियों को ले जा सकती है।



Tata Safari Storme
Tata Safari Storme

यह सफारी स्टॉर्म 4X4 वैरिएंट का विशेष रूप से डेवलप वर्जन है, जिसका उपयोग भारतीय वायु सेना सहित रक्षा बलों द्वारा किया जा रहा है।



Royal Enfield Bullet
Royal Enfield Bullet

Royal Enfield Bullet लंबे समय से भारतीय सेना की साथी रही है। इसकी शुरुआत 1952 में हुई थी जब भारतीय सेना ने मोटरसाइकिल निर्माता को 500 बुलेट 350 यूनिट का ऑर्डर दिया था, जिसमें चुनौतीपूर्ण इलाकों में स्थायित्व, विश्वसनीयता और पर्याप्त प्रदर्शन/परफॉर्मेंस की मांग की गई थी। आज तक, रॉयल एनफील्ड भारतीय सेना के लिए पसंदीदा विकल्प बना बनी हुई है।




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