नई दिल्ली। गोवा सरकार ने हाल ही में राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक ड्राफ्ट स्कीम जारी किया है। इसके तहत अगले पांच सालों के लिए 11,000 का ऑफर किया जाएगा। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि साल 2025 तक वह अपने कुल वाहन पंजीकरण का 30 प्रतिशत करे। इस उद्देश्य से राज्य सरकार ने 10,000 इलेक्ट्रिक दोपहिया, 500 इलेक्ट्रिक तीन पहिया और लगभग 500 इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों को सब्सिडी देने की योजना बनाई है। दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी राशि प्रति वर्ष 10 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगी। वहीं, तीन पहिया वाहनों के लिए इसे 1 करोड़ रखा गया है। जबकि, चार पहिया वाहनों के लिए यह सीमा 14 करोड़ रुपये है। कुल मिलाकर इलेक्ट्रिक वाहनों पर सालाना सब्सिडी 25 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होगी। कथित तौर पर, राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि सब्सिडी पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दी जाएगी। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स के लिए इंसेंटिव 30,000 प्रति वाहन पर कैप किया गया है, जबकि इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर पर दी जाने वाली अधिकतम इंसेंटिव 1.5 लाख रुपये प्रति वाहन तक होगी। सब्सिडी एक ही किश्त में वितरित की जाएगी। मालिक को केवल आरसी बुक और बीमा सहित खरीद के डॉक्यूमेंट पेश करने होंगे। ड्राफ्ट स्कीम में यह भी कहा गया है कि यदि वाहन के साथ बैटरी नहीं बेची जाती है तो वाहन मालिक को परचेज इंसेंटिव 50 प्रतिशत दिया जाएगा। 50 प्रतिशत तक की शेष राशि ऊर्जा ऑपरेटरों को किसी भी जमा की लागत को चुकाने के लिए प्रदान की जाएगी, जो कि एक स्वैपेबल बैटरी के उपयोग के लिए एंड यूजर्स से आवश्यक हो सकती है। आपको बता दें,केंद्र सरकार ने पहले राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान (एनईएमपीपी) के तहत 2020 तक भारतीय सड़कों पर 6 से सात मिलियन इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन रखने का टारगेट रखा था। भारत सरकार के भारी उद्योग विभाग द्वारा वाहन (FAME) योजना शुरू की गई है। FAME योजना के लॉन्च के पीछे प्रमुख कारण 120 मिलियन बैरल तेल की बचत, 4 मिलियन टन CO2 को कम करना और 2020 तक वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में 1.3 प्रतिशत की कमी करना था।
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