Tuesday, January 26, 2021

Exclusive: 1.3 अरब लोगों का टीकाकरण मानवता के लिए जरूरी, वैक्सीनेशन ट्रांसपोर्ट के लिए तैयार- विवेक चांद सहगल January 26, 2021 at 10:39AM

भारत में कोविड-19 वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए बनाया गया रीफर ट्रक भारतबेंज ‘बीसेफ एक्सप्रेस’ (BharatBenz ‘) देश में पेश हो चुका है। इसे डायमलर इंडिया कॉमर्शियल व्हीकल्स (Daimler India Commercial Vehicles-DICV) और मदरसन ग्रुप () की साझेदारी में तैयार किया गया है। इसमें हाईटेक कनेक्टिविटी के साथ रेफ्रिजरेशन यूनिट्स दिए गए हैं, जिससे ट्रक में रखे वैक्सीन का तापमान स्थिर रहेगा। BSafeExpress में -20 डिग्री तक का कोल्ड स्टोरेज मिलता है। इस रीफर ट्रक में इस्तेमाल की गई तकनीक को मदरसन की तरफ से तैयार किया गया है। हमने मदरसन ग्रुप के चेयरमैन विवेक चांद सहगल से EXCLUSIVE बातचीत की, जहां हमने उनसे कई सवाल किए। ये रहे उस इंटरव्यू के कुछ अंश…. सवाल: आपको कब लगा कि वैक्सीन को लेकर एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया जाए? जवाब: इस पूरे प्रोजेक्ट के अंदर मदरसन (Motherson) की करीब 200 कंपनियां हैं, जो ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए अलग-अलग प्रोडक्ट्स बनाती हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए हमारे कस्टमर्स की तरफ से कहा गया कि हमें इस बारे में बहुत जल्द कुछ सोचना चाहिए। इसके बाद हमने इस प्रोजेक्ट से जुड़ी हमारी सभी कंपनियों के साथ मीटिंग की और फिर हमने एक सॉल्यूशन बनाया, जो हमारे ग्रहकों को बहुत पसंद आया। यह रीफर ट्रक उसी सॉन्यूशन का नतीजा है, जिसे मदरसन की तरफ से बनाया गया है। इसमें आप 2 टन से लेकर 42 टन तक का कंटेनर बना सकते हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत आप केवल 96 घंटों के अंदर अपना कंटेनर बना सकते हैं। सवाल: आपने ग्राहक (कस्टमर) की बात की, तो क्या इसमें सरकार भी शामिल है? जवाब: जहां तक मेरी जानकारी है, जितनी भी लॉजिस्टिक्स हैं उनमें सरकार शामिल नहीं है। जितनी भी मांग है उनमें प्राइवेट इंडस्ट्री शामिल है। इनमें हॉस्पिटल से लेकर सीरम इंस्टिट्यूट तक शामिल हैं, जिनकी डिमांड आएगी। सवाल: देश में जब करीब 1.3 अरब लोगों का टीकाकरण (वैक्सीनेशन) प्रोगाम शुरू होगा, तब जो भारी मांग आएगी उसके लिए आप कितने तैयार हैं? जवाब: 1.3 अरब लोगों का जब दो बार वैक्सीनेशन होगा, तब यह संख्या 2.6 अरब पहुंच जाएगी। हम वैक्सीनेशन ट्रांसपोर्ट की इस मांग के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सवाल: आपका यह पूरा प्रोग्राम लोकल-स्तर पर तैयार किया गया है। सरकार भी ‘Local for Vocal’ को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में क्या आपके इस प्रोग्राम में सरकार की तरफ से कोई मदद मिली है? जवाब: सरकार का एक पर्यावरण तैयार करना, इससे बड़ी मदद और क्या हो सकती है। जो वर्कफोर्स और वर्किंग एनवायरमेंट है, वह एक बड़ा योगदान है किसी भी देश का। मदरसन (Motherson) दुनिया के 42 देशों में है। हर देश में जो सरकार का फोकस एरिया है हम उसका पूरा सम्मान करते हैं। सवाल: क्या यह पूरा प्रोग्राम कोविड-19 के लिए ही तैयार किया गया है या आगे भी इसको लेकर कोई तैयारी है? जवाब: कोल्डचेन मैनुफेक्चरिंग में फूड, कैमिकल्स और फार्मास्युटिकल ट्रार्सपोर्टेशन आता है, तो यह केवल वैक्सीन के लिए नहीं है। जहां कहीं भी तापमान की सीमा होगी वहां इसकी जरूरत होगी। हम -20 डिग्री तक की कोल्डचैन सुविधा देते हैं। सवाल: भारत वैक्सीन का निर्यात कर रहा है और आने वाले समय में और भी ज्यादा निर्यात करने के लिए तैयार है। ऐसे में क्या आप इसे बड़े अवसर के तौर पर देख रहे हैं? जवाब: बिलकुल। यही कारण है कि हमारी कंपनियों ने इतनी जल्दी इसके ऊपर काम किया है। पहला तो यह मानवता के लिए भी एक बड़ा मुद्दा है। हमें बहुत ही कम समय में 1.3 अरब लोगों को 2.6 बार वैक्सीन लगाना है। ऐसे में यह मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसके बाद हम मुनाफे के बारे में देखते हैं। सवाल: इस पूरे प्रोग्राम में मदरसन की तरफ से अकेले कितना निवेश किया गया है? जवाब: इस पूरे प्रोग्राम में फंड्स की बात करें, तो इसमें शामिल सभी कंपनियां पहले से ही मौजूद थीं। ये सभी कंपनियां नॉर्मल प्रोडक्ट्स बना रहीं थी, लेकिन इस प्रोग्राम के लिए सभी ने खास योगदान दिया है। इस प्रोग्राम में सभी का साथ और योगदान है। जैसे, लाइटिंग, सेंसर, एयर कंडीशनिंग, और यहां तक की पेंट जो सूरज की रौशनी को रिफ्लेक्ट करता है, वह तक हमारा है। इन सभी को बनाने में बहुत मेहनत किया गया है। सवाल: क्या इस प्रोग्राम से आप कॉमर्शियल सेगमेंट को बढ़ते हुए देख रहे हैं, जिसे कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जवाब: जी हां। लेकिन मुझे लगता है कि इस पूरे प्रोग्राम में बिजनेस एंगल से ज्यादा मानवता का मुद्दा बड़ा है। इस प्रोग्राम के तहत अगर हम लोगों को वैक्सीन या दवाइयां पहुंचाएं इससे बड़ा योगदान और क्या होगा। इसके अलावा जब मांग बढ़ेगी तो फायदा भी होगा।

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