Tuesday, January 26, 2021

कोरोना वैक्सीन की डिलीवरी के लिए कैसा है स्वदेशी ट्रक BSafeExpress: सत्यकाम आर्य से Exclusive बातचीत January 26, 2021 at 08:36AM

डायमलर इंडिया कॉमर्शियल व्हीकल्स (Daimler India Commercial Vehicles-DICV) ने मदरसन ग्रुप (Motherson Group) के साथ साझेदारी में भारतबेंज ‘बीसेफ एक्सप्रेस’ (BharatBenz ‘) ट्रक को हाल ही में भारत में पेश किया है। यह एक स्पेशलाइज्ड रीफर ट्रक है, जिसे खास कोविड-19 वैक्सीन के सुरक्षित ट्रांसपोर्टेशन के लिए बनाया गया है। इसमें हाईटेक कनेक्टिविटी के साथ रेफ्रिजरेशन यूनिट्स दिए गए हैं, जिससे ट्रक में रखे वैक्सीन का तापमान स्थिर रहेगा। इस रीफर ट्रक और भारत में वैक्सीन ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े सभी सवालों को लेकर हमने डायमलर इंडिया कॉमर्शियल व्हीकल के मैनेजिंग डायरेक्टर एंड सीईओ, सत्यकाम आर्य से EXCLUSIVE बातचीत की। ये रहे उस इंटरव्यू के कुछ अंश…. सवाल: आपको वैक्सीन ट्रांसपोर्टेशन के लिए रीफर ट्रक का ख्याल कब आया, जब देश में कोरोना महामारी की शुरुआत हुई या जब भारत में कोविड-19 वैक्सीन के ट्रायल को लेकर सकारात्मक परिणाम मिलने लगे? जवाब: इसका आइडिया हमें पहले से था। साल 2019 में हमने घोषणा कर दी थी कि अब हम एप्लीकेशन की तरफ जाएंगे। एप्लीकेशन का मतलब, जैसे कोल्डचैन इंडस्ट्री को क्या चाहिए। कोल्डचैन इंडस्ट्री में फार्मास्युटिकल, कैमिकल्स और फूड का ट्रांसपोर्टेशन आता है। हम ई-कॉमर्स के लिए अलग-अलग एप्लीकेशन के लिए प्रोडक्ट तैयार कर रहे थे। इसी बीच देश में कोरोना आ गया और फिर वैक्सीन के ट्रायल शुरू हो गए। हमने देखा की कोरोना के खिलाफ पूरी आबादी का टीकाकरण (वैक्सीनेशन) करना है। हमें लगा कि इसके लिए एक प्रोडक्ट की जरूरत है, जिसके बाद हमने तैयारी शुरू कर दी थी। सवाल: इस पूरे प्रोग्राम में रिसर्च और डिवलपमेंट (R&D) में आपकी तरफ से अकेले कितना निवेश किया गया है? जवाब: हमने इस प्रोग्राम में अलग से निवेश नहीं किया है, क्योंकि हमारे पास चीजें पहले से ही थी। हमारे पास रीफर के लिए भारतबेंज (BharatBenz) की चेसी पहले से ही मौजूद थी। इसी तरह, मदरसन (Motherson) ने अपने ग्रुप की तरफ से सारी तकनीक इक्ठ्ठी करके इसका सॉल्यूशन तैयार किया। सवाल: वैक्सीन डिलीवरी के लिए इस रीफर ट्रक को पूरी तरह से लोकल स्तर पर तैयार किया गया है। भारत सरकार भी इस दौरान लगातार आत्मनिर्भर मुहिम को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में क्या इस प्रोग्राम में आपको सरकार की तरफ से कोई मदद मिली है? जवाब: नहीं, हमने इस प्रोग्राम के लिए सरकार से कोई मदद नहीं ली है। यह प्रोग्राम हमने खुद बनाया है। जैसा कि हमने बताया कि हमारे 90 फीसदी प्रोडक्ट्स लोकल हैं और मदरसन की तरफ से भी यह सुनिश्चित किया गया है कि उन्होंने अपने ग्रुप की तरफ से तकनीक का इस्तेमाल किया है। ऐसे में यह पूरी तरह से लोकल प्रोडक्ट है। सवाल : आप जैसे निर्माताओं से अगर पूछा जाए कि सरकार से आपको किस तरह की मदद चाहिए, तो आपका जवाब क्या होगा? जवाब: हम सब सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह इस प्रोडक्ट की अहमियत समझे। अगर हमें सुरक्षित और सफल तरीके से हर किसी को वैक्सीनेट करना है, तो हमें ऐसे प्रोडक्ट की जरूरत है। इसके अलावा हम इस समय सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियों से बात कर रहे हैं, जो कोल्डचैन ऑपरेट करती हैं और जो इस प्रोडक्ट को खरीद सकती हैं। सवाल : आपके जो प्रमुख खरीदार हैं क्या उनमें प्राइवेट प्लेयर्स भी शामिल हैं या आप पूरी तरह से सरकार को टारगेट कर रहे हैं? जवाब: हमारे जो प्रमुख खरीदार हैं वह प्राइवेट प्लेयर्स हैं। सवाल : भारत अपनी कोविड-19 वैक्सीन का निर्यात दूसरे देशों में भी कर रहा है, जिनमें पड़ोसी देश भी शामिल हैं। ऐसे में क्या आपको भारत से ज्यादा भारत के बाहर, अपने लिए एक बड़ा अवसर दिखाई दे रहा है? जवाब: नहीं, हम इसे इस तरह से नहीं देख रहे हैं। हम इस प्रोडक्ट को वहां ज्यादा देंगे, जहां इसकी जरूरत ज्यादा होगी। ऐसे में हमारे लिए भारत सबसे पहले आता है, क्योंकि यहां कि आबादी और मांग भी ज्यादा होगी। हम भारत से बाहर 50 देशों में अपने प्रोडक्ट का निर्यात करते हैं, हम इन देशों को भी अपना प्रोडक्ट देंगे। सवाल : इस पूरे कोरोना दौर में कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे इस सेगमेंट को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। ऐसे में क्या अब आप इस प्रोडक्ट को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं और क्या आपको लगता है कि इससे एक बड़ा बदलाव आएगा? जवाब: मार्केट अभी पूरी तरह से रिकवर हो गया है। हमें लगता है कि 2021 में बाजार की हालात साल 2020 की तुलना में बहुत बेहतर होगा। जहां तर रीफर ट्रक का सवाल है, तो यह एक सेगमेंट है। इस सेगमेंट में वैक्सीन ट्रांसपोर्टेशन के कारण इस साल निश्चित रूप से भारी मांग आएगी। सवाल: जब कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया खत्म हो जाएगी, तब आप अपने इस पूरे प्रोग्राम को कैसे देख रहे हैं? जवाब: सबसे पहले टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के प्रोग्राम में काफी समय लग जाएगा। आबादी को देखा जाए तो यह प्रक्रिया पूरी होने में एक साल से ज्यादा का समय लग जाएगा। इस एक साल में हमारे ट्रक का काफी इस्तेमाल होगा। इसके अलावा अगर आप रीफर सेगमेंट को देखें, जिसमें दूसरी चीजों का भी ट्रांसपोर्ट होता है। यहां क्षमता बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है। ऐसे में हम अपने प्रोडक्ट का फार्मास्युटिकल, वैक्सीन और फूड ट्रांसपोर्ट के लिए आगे इस्तेमाल कर सकते हैं।

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