Friday, December 20, 2019

गाड़ियों में बदल रहा इंजन, जानें कीमत पर क्या असर? December 19, 2019 at 10:23PM

लिजी फिलिप, नई दिल्ली एमिशन नॉर्म्स लागू होने में अब लगभग तीन महीने ही बचे हैं। ऐसे में ऑटोमोबाइल कंज्यूमर्स भविष्य में की जाने वाली खरीदारी को लेकर थोड़े परेशान दिखाई दे रहे हैं। शुरुआती आकलन बता रहे हैं कि गाड़ियों, टू-वीलर्स और कमर्शल गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी से कंज्यूमर को तगड़ा झटका लग सकती है। BS6 में शिफ्ट होने के बाद कॉम्पैक्ट और SUV के वेरियंट्स की कीमतों में जहां 3-5 पर्सेंट की बढ़ोतरी होगी, वहीं बड़ी डीजल गाड़ियों के लिए यह बढ़ोतरी कम से कम 8-10 पर्सेंट की हो सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि फ्लीट ऑपरेटर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सहित अधिकतर कंपनियां इस बढ़ोतरी का बोझ कंज्यूमर पर डाल सकती हैं। कुलमिलाकर देखें तो गाड़ियों को खरीदना और उनका रख-रखाव अधिक महंगा होने वाला है। महिंद्रा जैसी कंपनी के लिए यह अच्छी खबर नहींआसान शब्दों में कहें तो जिस डीजल SUV की कीमत आज 10 लाख रुपये है, बीएस6 में शिफ्ट होने के बाद उसकी कीमत कम से कम 80 हजार रुपये और बढ़ जाएगी। ऐसे में ग्राहकों के लिए यह आकर्षक नहीं रह जाएगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि महिंद्रा जैसी कंपनी के लिए यह अच्छी खबर नहीं है, क्योंकि उसके पोर्टफोलियो में डीजल गाड़ियों की भरमार है और बिक्री के आंकड़ों को लेकर उस पर पहले से दबाव बना हुआ है। ऐसे में कंपनी अब अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए पेट्रोल इंजन वाली गाड़ियों की संख्या बढ़ा रही है। महिंद्रा ऑटोमोटिव डिवीजन में सेल्स और मार्केटिंग हेड विजय नक्रा ने बताया, 'गैसोलिन XUV300 को बीएस6 में बदला चुका है और चौथी तिमाही की शुरुआत से महिंद्रा की सभी गाड़ियां बीएस6 में शिफ्ट हो जाएंगी।' इसी के चलते मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों ने अगले साल से छोटी डीजल गाड़ियों के सेगमेंट से बाहर निकलने का फैसला किया है और वह अब गैसोलिन वेरियंट पर फोकस कर रही हैं। एक दर्जन डीजल गाड़ियां होंगी मार्केट से बाहरकरीब एक दर्जन डीजल गाड़ियां मार्केट से बाहर होने वाली हैं और कम लागत में चलने वाली इन गाड़ियों का कोई विकल्प कंज्यूमर के सामने नहीं है। ऑटोकार इंडिया के एडिटर होरमद सोराबजी ने बताया कि आधुनिक पेट्रोल इंजन गाड़ियां भी कहीं से फ्यूल एफिशियंट नहीं हैं। सबसे दिलचस्प यह है कि बीएस6 पेट्रोल वीइकल्स को बीएस4 फ्यूल पर चलाया जा सकता है, लेकिन डीजल गाड़ियों के मामले में ऐसा नहीं है। फ्यूल की उपलब्धता भी एक अहम पहलू है, क्योंकि इंजेक्टर्स और फ्यूल मैनेजमेंट सिस्टम को फ्यूल की गुणवत्ता के जरिए नियंत्रित किया जाएगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि महंगी टेक्नॉलजी के चलते गाड़ियों के रख-रखाव की लागत भी बढ़ेगी। बीएस6 गाड़ियों की माइलेज या परफॉर्मेंस में कोई अंतर नहींबीएस4 से बीएस6 में शिफ्ट होने से गाड़ियों से पांच गुना कम सल्फर निकलेगा, जो पर्यावरण के लिहाज से काफी अहम है। ह्यूंदै मोटर इंडिया के नेशनल सेल्स हेड विकास जैन ने बताया कि इससे बीएस6 गाड़ियों की माइलेज या परफॉर्मेंस में कोई अंतर नहीं आने वाला है। ऐसे में कंज्यूमर को सिर्फ ज्यादा अच्छी टेक्नॉलजी के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। पढ़ें: उन्होंने बताया, 'कंज्यूमर अभी भी बीएस4 कार को डिस्काउंट पर खरीदने के लिए तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाल में आदेश दिया था कि कार को उसकी पूरी प्रॉडक्ट लाइफ साइकल तक चलाया जा सकता है। इसके बाद से बीएस4 कारों को खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ी है। मैन्युफैक्चरर्स का अभी पूरा ध्यान बीएस4 गाड़ियों की अधिक से अधिक बिक्री पर है।' पढ़ें-

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