Sunday, December 15, 2019

मारुति से ह्यूंदै तक, कारों पर मिल रही भारी छूट December 15, 2019 at 06:52PM

आशुतोष आर श्याम/केतन ठक्कर, मुंबईऑटोमोबाइल कंपनियां 2019 के आखिरी महीने में बंपर डिस्काउंट दे रही हैं। इसे साल का अपना बेस्ट ऑफर बता रही है, तो टाटा मोटर्स इस दशक का सबसे आकर्षक डिस्काउंट देने का दावा कर रही है। ह्यूंदै मोटर इंडिया ने अपने ऑफर को दिसंबर डिलाइट नाम दिया है। ये डिस्काउंट 5 से 15 पर्सेंट के बीच दिए जा रहे हैं। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि यह ऑटोमोबाइल कंपनियों का बीएस IV स्टॉक निकालने का आखिरी दांव हो सकता है। कंपनियां पुराने स्टॉक को खत्म करके नए एमिशन नॉर्म्स की ओर बढ़ना चाहती हैं। कई कंपनियां अगले महीने से दाम बढ़ाने के लिए तैयार हैं। में सेल्स और मार्केटिंग के एग्जिक्युटिव डायरेक्ट शशांक श्रीवास्तव का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं है कि यह गाड़ी खरीदने का सबसे शानदार मौका है। उन्होंने इकनॉमिक टाइम्स को बताया, ‘हम तकरीबन अपना सारा बीएस6 स्टॉक बेच चुके हैं। अब बचे प्रॉडक्ट पर भारी छूट दी जा रही है। हालांकि, छूट लंबे समय तक नहीं दी जा सकती है। हम अगले महीने से एमिशन और सेफ्टी से जुड़े नए नियमों के अलावा रुपये में उतार-चढ़ाव के चलते गाड़ियों के दाम बढ़ाने वाले हैं।’ कितना मिल रहा डिस्काउंट देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी 37 हजार से 89 हजार रुपये तक की छूट दे रही है। कंपनी सबसे कम डिस्काउंट ईको और सबसे ज्यादा विटारा ब्रेजा पर दे रही है। ह्यूंदै 20 हजार रुपये से लेकर एलांट्रा और टूसॉन जैसे मॉडल्स पर 2 लाख रुपये तक का डिस्काउंट दे रही है। टाटा मोटर्स की हैचबैक गाड़ियां 77,500 रुपये की छूट के साथ खरीदी जा सकती हैं। कंपनी की हेक्सा पर अधिकतम 2.25 लाख रुपये तक का डिस्काउंट मिल रहा है। साल में सबसे ज्यादा छूटह्यूंदै मोटर इंडिया में नेशनल सेल्स के हेड विकास जैन का कहना है कि मौजूदा ऑफर के तहत साल में सबसे ज्यादा छूट दी जा रही है। इससे दिसंबर की रिटेल ग्रोथ बढ़ाने में मदद मिलेगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रॉडक्शन घटाने से होलसेल डेटा रिटेल से काफी अलग हो सकता है। इंडिविजुअल कंपनियों के इनवेंटरी लेवल में भी अंतर दिख सकता है। गाड़ी खरीदने की योजना टाल रहे ग्राहक इतनी छूट के बावजूद बहुत से ग्राहक गाड़ी खरीदने की योजना टाल रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि कंपनियां अप्रैल 2020 से पहले BS-VI स्टॉक खाली करने के लिए गाड़ियों की बिक्री युद्ध स्तर पर करेंगी। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ऐसा माहौल मार्च 2017 में देख चुकी है। उस वक्त दोपहिया गाड़ियों के लिए एमिशन नॉर्म्स बीएस III से बदलकर बीएस VI किए गए थे और कंपनियां स्टॉक निकालने के लिए औने-पौने दाम पर गाड़ियां बेचने लगी थीं। पढ़ें: बहुत ज्यादा छूट मिलने के आसार नहींहालांकि, इंडस्ट्री एग्जिक्युटिव्स का कहना है कि कंपनियां नए एमिशन नॉर्म्स को लेकर काफी समय से तैयारी कर रही हैं। उन्होंने प्रॉडक्शन और डिमांड के बीच तालमेल बनाना भी शुरू कर दिया है, इसलिए बीएस VI में शिफ्ट करते वक्त बहुत ज्यादा छूट मिलने के आसार नहीं हैं। पढ़ें:

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