
नई दिल्ली ने हाल ही में भारत से अपना बिजनस समेटने की घोषणा की थी। अब बाकी कार निर्माताओं की नजर फोर्ड का बिजनस अक्वायर करने पर है। अमेरिका की फोर्ड ने भारत में लोकल मैन्युफैक्चरिंग बंद करने का फैसला किया है। कंपनी अपने सानंद प्लांट में 2021 की आखिरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग बंद कर देगी। वहीं चेन्नै प्लांट में 2022 की शुरुआत में मैन्युफैक्चरिंग बंद कर देगी। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक किआ मोटर इंडिया () और Ford के बीच बातचीत चल रही है जो अभी शुरुआती दौर में है। हालांकि इस बारे में दोनों ही कंपनियों की तरफ से कोई ऑफिशल स्टेटमेंट अभी नहीं आया है। फोर्ड को भारतीय बाजार में जहां लगभग तीन दशक हो गए हैं वहीं किआ ने साल 2019 में भारतीय बाजार में एंट्री की है। दोनों कंपनियों के बीच बातचीत शुरुआती दौर में हैं और बातचीत का परिणाम भारतीय बाजार के लिए काफी दिलचस्प हो सकता है। पिछले हफ्ते फोर्ड ने 2 अरब डॉलर का नुकसान उठाते हुए भारत में कार बनाने का काम बंद करने का फैसला किया। इससे पहले जनरल मोटर्स कंपनी और हार्ली डेविडसन इंक भी भारत में अपनी फैक्ट्रीज बंद कर चुकी हैं। अब भारत में मौजूद विदेशी ऑटो कंपनियों में जापान की निसान मोटर कंपनी लिमिटेड () और जर्मनी की फोक्सवैगन एजी (Volkswagen AG) रह गई हैं। फोक्सवैगन बिक्री के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी है। उनकी भारतीय कार मार्केट में 1 फीसदी से भी कम हिस्सेदारी है। फोर्ड और ह्यूंदै ने एक साथ भारत में एंट्री मारी थी। हुंडई ने अपनी छोटी और सस्ती कार सैंट्रो (Santro) के साथ भारतीय बाजार में प्रवेश किया जबकि फोर्ड ने एस्कॉर्ट (Escort) सैलून लॉन्च की। इसे सबसे पहले 1960 के दशक में यूरोप में उतारा गया था। मारुति की कारें खरीदने के आदी भारतीय ग्राहकों के एस्कॉर्ट की कीमत सुनकर होश उड़ गए। LMC में एनालिस्ट Ammar Master के मुताबिक फोर्ड की EcoSport और Endeavour बेस्ट सेलिंग गाड़ियां रही लेकिन कंपनी के पास इस अपील को कैश करने के लिए ज्यादा मॉडल नहीं थे।
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