नई दिल्ली प्रीमियम बाइक निर्माता कंपनी हार्ले डेविडसन ने भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस बंद कर दिए हैं। कंपनी अपने प्लान्स को रिस्ट्रक्चर कर रही है। इसे कंपनी ने 'The Rewire' स्ट्रेटिजी नाम दिया है। कंपनी ने आज अपने कर्मचारियों को अपनी रिस्ट्रक्चरिंग कॉस्ट की जानकारी दी। कंपनी के मुताबिक साल 2020 में कंपनी की रिस्ट्रक्चरिंग कॉस्ट 75 मिलियन डॉलर है। इसमें भारत में कंपनी के ऑपरेशंस बंद करना भी शामिल है। 'द रिवायर' स्ट्रैटिजी में खर्च होगा 169 मिलियन डॉलर कंपनी के प्रेजिडेंट Jochen Zeitz ने बताया कि इस साल कंपनी अपनी द रिवायर स्ट्रटिजी पर कुल 169 मिलियन डॉलर खर्च करेगी। अगस्त से शुरू हुआ कंपनी का रिस्ट्रक्चर अगले 12 महीनों में पूरा होने की उम्मीद की जा रही है। इस नीति की तहत कंपनी ने भारत में सेल और मैन्युफैक्चरिंग दोनों ऑपरेशंस ही बंद कर रही है। बीते कुछ समय से कंपनी ने पर बाइक्स की सेल बूस्ट करने का काफी दबाव रहा है। भारत समेत दुनिया के कई बाजारों में कंपनी की सेल बीते कुछ समय में काफी कम हुई है। हालांकि भारत में प्रीमियम बाइक्स सेगमेंट में हार्ले डेविडसन अभी भी लीड कर रही है। 11 साल से भारतीय बाजार में मौजूद इस प्रतिष्ठित अमेरिकन कंपनी ने भारत में 2009 में अपने ऑपरेशंस शुरू किए थे। साल 2010 में हार्ले डीलरशिप पर कंपनी की पहली बाइक आई। कंपनी के मेड इन इंडिया Street 750 मॉडल्स भारत में काफी फेमस हैं। पिछले आर्थिक वर्ष में कंपनी ने 2500 से भी कम यूनिट भारत में सेल की थी। अप्रैल से जून 2020 में भारत में कंपनी करीब 100 बाइक्स ही सेल हुई। यह कंपनी की सबसे खराब इंटरनेशनल परफॉर्मेंस में से एक है। Jochen Zeitz ने हाल ही में कंपनी की पूर्व प्रेजिडेंट Matt Levatich को रिप्लेस किया था। अब कंपनी नई नीति की तहत दुनिया भर में अपनी बाइक्स की सेल को बूस्ट करेगी।
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