नई दिल्ली।Union Budget 2022: मंगलवार को यानी कि 1 फरवरी 2022 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण () संसद में सुबह के 11 बजे केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस दौरान इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को मोदी सरकार से काफी उम्मीदें हैं। दरअसल, साल 2019 में मोदी सरकार ने ईवी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर को 12 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी कर दिया था। इसके बाद से ही लगातार केंद्र सरकार की तरफ से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में सरकार इलेक्ट्रिक उद्योग को फिर से कोई नई सौगात दे सकती है। ऐसे में जानते हैं कि ईवी निर्माताओं की सरकार से क्या उम्मीदें हैं। इलेक्ट्रिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में हो सुधार सिंपल एनर्जी के सीईओ और फाउंडर सुहास राजकुमार ने कहा सरकार FAME और अन्य योजनाओं के जरिए इलेक्ट्रिक वाहन के बिजनेस को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। ताकि इस फिल्ड में सस्ती कीमतों पर बेहतर प्रोडक्ट तैयार करने में मदद मिल सके। इससे लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है। यही कारण है कि इलेक्ट्रिक वाहनों में ग्राहकों की दिलचस्पी बढ़ रही है। हालांकि, परफॉर्मेंस के संबंध में उम्मीदें अधिक बनी हुई हैं। चूंकि इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के बुनियादी ढांचे की सामान्य कमी के बारे में चिंता बनी हुई है, इसलिए सरकार को इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने की जरूरत है। बजट से, हम इलेक्ट्रिक वाहन वर्टिकल में अधिक राहत की उम्मीद करते हैं क्योंकि हम कंपोनेंट की बढ़ती कीमतों और सेमीकंडक्टर की कमी से प्रभावित हुए हैं। बजट को ईवी खिलाड़ियों के सहयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए और सरकार की स्वच्छ ईंधन दृष्टि की ओर अधिक धन का उपयोग करना चाहिए। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाने की सुविधा के लिए, हमें एक निर्बाध ईवी बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है जो बहुत अधिक सक्षम और कनेक्टेड, टिकाऊ और अधिक बुद्धिमान गतिशीलता परिदृश्य है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर कम हो GST ओमेगा सेकी मोबिलिटी के अध्यक्ष और संस्थापक उदय नारंग ने कहा, “भारत के बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के एक हिस्से के रूप में, हम आशा करते हैं कि केंद्रीय बजट में GST दरों को कम करना शामिल है। कच्चे माल, विशेष रूप से ईवी खिलाड़ियों के लिए। ऑटो कंपोनेंट्स पर जीएसटी को कम करते हुए आरएंडडी और स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास के लिए समर्थन एफएम की एजेंडा सूची में सबसे ऊपर होना चाहिए। स्वच्छ वायु अभियान के लिए धन आवंटित करना, जिसे स्वच्छ भारत मिशन के तहत बेहतर जागरूकता पैदा करने और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने में सुधार के लिए लाया जा सकता है। रेट्रोफिट बाइक पर मिले छूट बाउंस के सीईओ और सह-संस्थापक विवेकानंद हालेकेरे ने कहा सरकार ने धारा 80EEB की शुरुआत की थी, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों पर 150,000 रुपये की लोन पर ब्याज की छूट दी गई थी। हालांकि हम सरकार से रेट्रोफिट बाइक (इंटरनल कम्बशन इंजन- ICE बाइक को EV में परिवर्तित) पर फायदा देने का आग्रह करते हैं। इसके अलावा, अगर ईवी में बड़े पैमाने पर परिवर्तन को एक वास्तविकता बनना है, तो फेम के तहत सब्सिडी लाभ को रेट्रोफिट बाइक तक भी बढ़ाया जाना चाहिए। IC वाहनों पर GST की दर 28 फीसदी है। जबकि, इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST की दर 5 फीसदी है, जो एक स्वागत योग्य कदम है, हालांकि बुनियादी ढांचा सेवाओं, बैटरी और सभी संबंधित इनपुट को चार्ज करने पर जीएसटी दरों को संरेखित करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह वर्तमान में 18 फीसदी है।
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