Union Budget 2022 Live: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) अब से 24 घंटे में संसद में केंद्रीय बजट को पेश करेंगी।
नई दिल्ली।
Union Budget 2022 Live: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) अब से 24 घंटे में संसद में केंद्रीय बजट को पेश करेंगी। ऐसे में हर क्षेत्र की निगाहें सरकार की तरफ से की जाने वाले ऐलान पर टिकी हुई हैं। इसी कड़ी में ऑटो इंडस्ट्री भी शामिल है, जो साल 2019 से ही भारी उतार-चढ़ाव का सामना कर रही है। बता दें कि ऑटो इंडस्ट्री की स्थिती देश की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर डालती है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जो बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करता है। यही कारण है कि ऑटो सेक्टर को इस बजट से काफी उम्मीदें। लेकिन, क्या सरकार उन उम्मीदों को पूरा करेगी या फिर 3 साल पहले की तरह बाजार को एक बार फिर हैरान करेगी? ऐसे में आप सोच रहे ऐसा वो कौन सा कदम था, जो मोदी सरकार (PM Narendra Modi) ने तीन साल पहले उठाया था, तो आज हम आपको इसी क्रांतिकारी कदम के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने बाजार को बदल दिया।
जब 3 साल पहले मोदी सरकार ने कर दिया था हैरान
साल 2019 ऑटो सेक्टर के लिए काफी उतार चढ़ाव वाला था। बाजार को बजट से काफी उम्मीदें थी। माना जा रहा था कि सरकार वाहनों पर GST की दरों को घटा सकती है। लेकिन, मोदी सरकार ने तो कुछ और ही सोच रखा था। साल 2019 में मोदी सरकार ने बाजार को हौरान करते हुए IC वाहनों के बजाए इलेक्ट्रिक वाहनों के सेगमेंट पर सौगातों की बारिश कर दी। केंद्र की मोदी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST की दर को 12 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी कर दिया। इसके अलावा संसद में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से कहा गया कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर ब्याज चुकाने पर आयकर में 1.5 लाख रुपए की अतिरिक्त छूट दी जाएगी।
एक झटके में सस्ते हो गए इलेक्ट्रिक वाहन
इलेक्ट्रिक वाहनों पर 7 फीसदी GST की दर घटाने का असर दिखा। इस फैसले से इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई। इलेक्ट्रिक कारों की कीमतों में 1 लाख रुपये से भी ज्यादा गिरावट आई।
मोदी सरकार का क्रांतिकारी फैसला
साल 2019 में जब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर को घटाने का ऐलान किया। वैसे ही इस सेक्टर की तरफ तेजी से सबका ध्यान गया। यह कहना गलत नहीं होगा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के सेगमेंट में यह सरकार का ऐतिहासिक फैसला साबित हुआ। इसके बाद से इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें सस्ती हुईं। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने वाली कंपनियों के हौसले भी तेजी से बढ़ें। इन सबसे के बीच पहली बार इलेक्ट्रिक वाहन आम आदमी के बजट में आने लगे। हालांकि, तभी ईवी की कीमतें काफी ज्यादा थीं।
Fame II सब्सिडी से हुआ बड़ा बदलाव
पिछले साल जून महीने में केंद्र सरकार ने FAME II नीति में संशोधन (FAME-II Scheme Amendment) किया। इसके कारण इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर जो सब्सिडी 10,000 रुपये प्रति kWh मिलती थी, वो बढ़ कर 15,000 रुपये प्रति kWh तक हो गई। FAME II नीति में संशोधन के कारण इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर पहले के मुकाबले ज्यादा सब्सिडी (Fame Subsidy on Electric Vehicle) मिलने लगी है। ज्यादा सब्सिडी (FAME II Subsidy) की वजह से देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन तेजी से सस्ते होने लगे हैं।
3 साल बाद फिर हैरान करेगी मोदी सरकार?
केंद्र सरकार की तरफ से लगातार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं की मांग है कि सरकार जीएसटी की दरों में फिर कटौती करे। इसके अलावा बाजार की मांग यह भी है कि सरकार इलेक्ट्रिक कंमोनेंट्स की कीमतों से भी टैक्स घटाए। अगर ऐसा होता है तो इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में एक बार फिर भारी गिरावट देखने को मिल सकती है।
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