नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर में जहां भारत में हर रोज 3 लाख से ज्यादा कोविड-19 के मामले आ रहे हैं। वहीं, इस महामारी के कारण हर रोज 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। कोरोना का असर न सिर्फ लोगों की सेहत पर हुआ है बल्कि, इसका बुरा असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर ने ऑटो सेक्टर को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। दरअसल, अप्रैल महीने के आखिरी 20 दिनों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे, जिसके कारण देश के कई राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया। इसकी वजह से वाहनों की बिक्री में भारी गिरावर्ट दर्ज की गई है। वहीं, कई कंपनियों ने बिगड़ते हालात को देखते हुए अपने कारखानों में वाहनों के प्रोडक्शन को अस्थाई रुप से बंद कर दिया है। हालांकि, इस बीच चीन के आटो सेक्टर में काफी तेजी दर्ज की जा रही है। चीन के कार बाजार में बढ़ी रौनक चाइना एसोसिएशन ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (CAAM) की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने (अप्रैल 2021) में चीन में कुल 22,50,000 वाहनों की बिक्री हुई। अप्रैल 2020 की तुलना में अप्रैल 2021 में चीन में 8.6 फीसदी ज्यादा वाहनों की बिक्री हुई है। इतना ही नहीं, यह लगातार 13वां महीना है जब चीन के बाजारों में वाहनों की जबरदस्त बिक्री बढ़ी है। भारत में घटी वाहनों की बिक्री फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस ( )की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय बाजार में मार्च महीने के मुकाबले अप्रैल महीने में वाहनों की बिक्री में भारी गिरावट आई है। इस दौरान दोपहिया, तीनपहिया से लेकर पैसेंजरऔर कॉमर्शियल वाहनों जैसे सभी सेगमेंट में भारी गिरावट दर्ज की गई है। फाडा की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2021 में 11,85,374 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ। जबकि, मार्च 2020 में 16,49,678 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। यानी, मार्च 2021 की तुलना में अप्रैल 2021 में वाहनों की बिक्री में 28.1 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई। बता दें कि पिछले साल कोरोना महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन लागू था, जिसके कारण बिक्री और प्रोडक्शन दोनों बंद रहे। ऐसे में फाडा ने पिछले महीने (अप्रैल 2021) में हुई वाहनों की बिक्री की तुलना मार्च 2021 से की है।