नई दिल्ली। (Prime Minister Narendra Modi) ने हाल ही में ऑटोमोटिव स्क्रैपेज नीति () को लॉन्च किया है। बता दें कि, पर काफी समय से काम चल रहा था, जिसे केंद्र सरकार की तरफ से अब हरी झंडी भी मिल चुकी है। लॉन्च के दौरान एम मोदी (PM Modi) ने दावा किया कि इस नीति से करीब 10,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि क्या है वाहन कबाड़ नीति? इसका आपकी जिंदगी और भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा? तो डालते हैं एक नजर...
वाहन कबाड़ नीति में क्या होगा?
- रजिस्ट्रेशन की सीमा समाप्त होते ही सभी वाहनों का फिटनेस टेस्ट करना अनिवार्य होगा।
- पैसेंजर (यात्री) वाहन का लाइफटाइम (समय सीमा) 20 साल और कॉमर्शियल वाहना की समय सीमा 15 साल होगी।
- फिटनेस टेस्ट में फेल वाहन को "एंड-ऑफ-लाइफ" माना जाएगा। यानी फिर इस वाहन की समय सीमा को खत्म मान लिया जाएगा।
- आसान भाषा में समझें तो अगर आपका वाहन पुराना होगा, तो उसे स्क्रैप किया जाएगा।
क्या होगा फायदा?
- वाहन मालिक को सरकार की तरफ से 4-6 फीसदी का स्क्रैप मूल्य दिया जाएगा।
- नया वाहन खरीदने पर रोड टैक्स में 25 फीसदी तक की छूट मिलेगी।
- स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर वाहन कंपनियों की तरफ से पांच फीसदी तक की छूट देने की सलाह दी जाएगी।
- स्क्रैप वाहन को एक्सचेंज करने कुल 10 से 15 फीसदी तक का फायदा होगा।
क्या है सरकार का दावा? सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने लोकसभा में व्हीकल स्क्रैपेज (वाहन परिमार्जन) पॉलिसी की घोषणा करते समय कहा था कि इससे,
- ऑटोमोबाइल सेक्टर को जबरदस्त तेजी मिलेगी।
- बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होगा।
किस पर पड़ेगा असर स्क्रैप पॉलिसी का सबसे बड़ा और सीधा असर मध्यम और निम्न वर्ग पर पड़ेगा।
प्रदूषण पर लगेगा लगाम स्क्रैप पॉलिसी के तहत सरकार प्रदूषण पर लगाम लगाएगी। इस कदम को वायु प्रदूषण के खिलाफ सबसे बड़ी जंग के तौर पर देखा जा रहा है।
2000 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार हवा को साफ करने के लिए सरकार आने वाले 5 सालों में 2000 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
क्या है सरकार का प्लान? स्क्रैप पॉलिसी के जरिए सरकार वायु प्रदूषण रोक लगाएगी। वहीं, सरकार का मानना है कि इससे देशभर में रोजगार पैदा होगा और अर्थव्यवस्था को भारी मदद मिलेगी।
वाहन कबाड़ नीति पर क्या है पीएम मोदी का दावा?
- वाहन मालिक को पुरानी कार को स्क्रैप करने पर एक प्रमाण पत्र मिलेगा।
- इससे नई कार खरीदते समय पंजीकरण शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
- वाहन मालिक को रोड टैक्स में छूट मिलेगी।
- पुरानी कार के रखरखाव लागत, मरम्मत लागत और ईंधन दक्षता पर पैसे की बचत होगी।
- पुराने वाहनों और पुरानी तकनीक के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी आएगी।
- प्रदूषण पर लगाम लगेगी।
क्या होगी प्रक्रिया?
- एक वाहन को सिर्फ इसलिए रद्द नहीं किया जाएगा क्योंकि वह पुराना है।
- वाहनों का स्क्रैपेज सेंटरों पर फिटनेस टेस्ट किया जाएगा।
- फिटनेस टेस्ट के बाद वैज्ञानिक तरीकों से ही इसे खत्म किया जाएगा।
सरकार ने गिनाए फायदे केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (MoRTH) नितिन गडकरी के मुताबिक,
- स्क्रैपेज नीति से कच्चे माल की लागत में लगभग 40 फीसदी की कटौती होने की संभावना है।
- देश में लगभग 22,000 करोड़ मूल्य के स्क्रैप स्टील का आयात किया जाता है। इस नीति से इसकी निर्भरता कम होगी।
- भारत को ऑटोमोटिव मैन्युफेक्चरिंग का औद्योगिक केंद्र बनने में मदद मिलेगी।
- सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का इस्तेमाल करते हुए सभी जिलों में परीक्षण केंद्र बनाएगी।