नई दिल्ली। साल 2021 में अर्थव्यवस्था के खुलने के साथ ही ई-बाइक की बिक्री में तेजी देखने को मिली, जो कि समय के साथ बढ़ती ही जा रही है। सेल्स रिपोर्ट देखें तो इलेक्ट्रिक बाइक्स यानी ई-बाइक्स की बिक्री पिछले साल की तुलना में दोगुनी हो चुकी है। डेलॉइट का अनुमान है कि साल 2020 और 2023 के बीच, दुनियाभर में 130 मिलियन ई-बाइक की बिक्री होगी। दिलचस्प बात यह है कि यह ई-बाइक है न कि ऐसी कारें, जो वर्तमान में दुनिया के सबसे ज्यादा बिकने वाले इलेक्ट्रिक वाहन या ईवी के रूप में अपना नाम बना रही हैं। इसलिए, इन रूझानों के अनुरूप ही ई-बाइक में यकीनन शहरी आवागमन (अर्बन ट्रांजिट) को बदलने की क्षमता है। ये भी पढ़ें- द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट (टीईआरआई) की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, जो ऑल इंडिया साइकिल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एआईसीएमए) द्वारा समर्थित है, अगर कम दूरी की यात्राओं के लिए दोपहिया और फोर-व्हीलर वाहनों को साइकिल से बदल दिया जाता है, तो यह लगभग 1.8 ट्रिलियन रुपये का वार्षिक लाभ प्रदान कर सकता है, और अगर 8 किलोमीटर से कम की सभी यात्राओं का 50 फीसद तक साइकिल के माध्यम से किया जाता है, तो इससे 0.35 मिलियन टन तक की ऊर्जा की बचत होगी। ये भी पढ़ें- ई-बाइक की लोकप्रियता किस वजह से बढ़ी है?कोविड-19 महामारी ने लोगों को भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की बजाय आने-जाने के लिए लोगों को अपनी ई-बाइक रखने या उनका उपयोग करने के लिए मजबूर कर दिया है। इसके अलावा, भारतीय शहरों में यातायात की भीड़ दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। वाहनों की बढ़ती संख्या के साथ, मौजूदा बुनियादी ढांचा हर शहर और गलियों में मोबिलिटी की जरूरतों को पूरा करने में अक्षम है। ट्रैफिक जाम से लोगों की कार्यकुशलता बाधित होती है और इंतजार करने में काफी समय जाया होता है। इस वजह से सरकार अब ई-बाइक की बिक्री को प्रोत्साहित कर रही है, क्योंकि वे कम जगह घेरती हैं और इसका फायदा ये होता है कि मामूली ट्रैफिक जाम होता है और पर्यावरण पर कार्बन फुटप्रिंट का दबाव भी कम होता है। ये भी पढ़ें- इंडस्ट्री सफलता की ओर अग्रसर!इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की मांग में तेजी को देखते हुए ई-बाइक्स की बिक्री बढ़ना भी तय है। इसलिए साल 2021 ने निश्चित रूप से ई-बाइक बनाने वाली कंपनियों के लिए साल 2022 बेहद आशाजनक साबित होने जा रहा है ई-बाइक्स की बिक्री के रूझान ऊपर की ओर जाने के बावजूद, भारत अभी भी ईवी को अपनाने के शुरुआती चरण में है। इसलिए यह ई-बाइक कंपनियों के लिए बहुत बड़ा बाजार हो सकता है। ये भी पढ़ें- ईवी स्टार्टअप और स्थापित ओईएम भी संभावनाओं को देखते हुए आशावादी हैंमैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं से लेकर नए वीइकल लॉन्च तक, आने वाले साल में पाइपलाइन में और भी बहुत कुछ है। लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ाने के लिए मुख्य बाधा के रूप में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि उम्मीद है कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सेवाओं में निवेश को आकर्षित करने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर करों में कमी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना जैसी सरकार की पहल इन मुद्दों को दूर करने और निरंतर रूझानों को बढ़ाने में मदद करेगी। इससे इनकी लोकप्रियता और आम लोगों द्वारा इसको अपनाने में वृद्धि होगी। भारत भर में 20 से अधिक राज्यों ने ईवी-फ्रेंडली नीतियों को लागू करने की घोषणा की है। आलेख-अंकित कुमार, सीईओ, गो ज़ीरो मोबिलिटीये भी पढ़ें-
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