नई दिल्ली। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान जिन सेक्टर्स को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ उनमें ऑटो सेक्टर भी आता है। इसमें भी अगर बात करें तो सबसे ज्यादा नुकसान कॉमर्शियल व्हीकल सेगमेंट को हुआ, जहां ट्रकों, बसों और तीन पहिया वाहनों की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई। इस बीच भारत सरकार से वाहनों पर GST की दरों को घटाने की लगातार मांग उठती रही है। लेकिन, वाहन कंपनियों को इस मौर्चे पर अभी तक निराशा ही हाथ लगी है। हालांकि, की तरफ से कुछ फैसले ऐसे भी लिए गए हैं, जिनका इंडस्ट्री की तरफ से खुल कर स्वागत किया गया है। इनमें सबसे बड़ा कदम नई स्क्रैपेज पॉलिसी ( 2021) है। ऐसे में हमने स्केपेज पॉलिसी से लेकर वाहनों पर जीएसटी की दरों को घटाने तक की मांग को लेकर टाटा मोटर्स () के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एंड प्रेसिडेंट () गिरीश वाघ () से Exclusive बातचीत की। ये रहे उस इंटरव्यू के कुछ अंश.... सवाल- अभी हाल ही में भारत सरकार ने स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा की, जिसकी हर जगह तारीफ़ की गई। आपको क्या लगता है कि इसका असर ग्राउंड स्तर पर दिखने में कितना समय लगेगा, या आपको लगता है कि इसका असर दिखने लग गया है? गिरीश वाघ- पहले तो स्क्रैपेज पॉलिसी के फायदे देखते हैं। पहला फायदा यह है कि स्क्रैपेज पॉलिसी के कारण देश में जितने भी पुराने ट्रक या गाड़ियां चलती होंगी वो अब नए ट्रक या गाड़ियों से रिप्लेस होंगे। नई पॉलिसी में एमिशन स्टैंडर्ड बहुत सख्त है। तो जैसे पुरानी गाड़ियां, पुरानी ट्रक्स रिप्लेस होंगे, तो देश में जितना एमिशन हो रहा है वह कम होगा। दूसरा फायदा है कि अभी प्रधानमंत्री जी ने बोला कि सर्क्युलर इकॉनमी, मतलब जो हम कुदरत से ले रहे हैं वो कैसे वापस करें? तो सर्क्युलर अर्थव्यवस्था की तरफ भी यह बहुत बड़ा कदम है। तीसरा यह है कि जैसे स्क्रैपेज सेंटर्स बनेंगे शुरू होंगे, वैसे ही देश में रोजगार पैदा होना शुरू हो जाएगा। चौथा, मेच्योर तरीके से गाड़ी की लाइफसाइकल चलने लगेगी। पहले गाड़ी की मांग बढ़ेंगी और बाद में जब पुराने वाहन स्क्रैप होंगे तो उससे नई ट्रक या नई गाड़ियों की डिमांड आयेगी। तो ये सब इसके फायदें हैं। अब सवाय यह है कि इसके फायदे कबतक होंगे तो इसे देखना होगा। यह पूरा सिस्टम है, पूरी साइकल है, पूरी वैल्यू चेन है। ये जैसे मेच्योर होती है, हम देखेंगे ये धीरे-धीरे रिप्लेसमेंट डिमांड बढ़ते जायेगा। तो अभी इसमें स्पेसिफिक टाइमफ्रेम देना बहुत मुश्किल है। ये सरकार का बहुत ही सराहनीय कदम है। हम इसमें पूरा सहयोग और आदर देंगे। और हम भी उम्मीद कर रहे हैं कि इससे धीरे-धीरे गाड़ियों का डिमांड बढ़ेगा। सवाल- अभी हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी से जीएसटी कम करने की मांग की गई। इस दौरान कई बड़ी वाहन कंपनियों ने बहुत साफ शब्दों में सरकार से ऑटो सेक्टर को सपोर्ट करने को कहा। ऐसे में आपका आपको लगता है कि पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट के साथ कॉमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में भी जीएसटी की दरों को घटाने की जरूरत है? गिरीश वाघ-देखिए, जीएसटी की दरों को घटाने की मांग काफी समय से चलती आ रही है। कॉमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री में अक्सर उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। अभी जब BS-IV से BS-VI में कॉमर्शियल वाहनों का ट्रांजिशन हुआ, तब गाड़ियों की कीमतें भी बढ़ गईं और फिर इस दौरान कोविड भी आ गया। इसके कारण, पिछले साल कॉमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री का वॉल्यूम जो है वो बहुत डाउन हुआ, इतना कम हुआ कि लगभग 11 साल पहले के वॉल्यूम तक हम पहुंच गए। इस दौरान मीडियम और हेवी कमर्शियल व्हीकल, जो हमारी अर्थव्यवस्था का अच्छा दर्शक है, उसमें तो ज्यादा ही कमी आ गई। यह 11 साल से भी नीचे चला गया। तो इसीलिए इंडस्ट्री से कुछ-कुछ मांगे आ रही थी कि क्या कर सकते हैं कि हम डिमांड को बढ़ाएं। तो ये जीएसटी का जो पॉइंट है वो आते रहता है पर हमें पता है कि गवर्नमेंट उसे एकदम संतुलित तरीके से देखती है और फैसला करती है कि मांग को बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए। अभी अगर हम देखेंगे तो सरकार की तरफ से इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत इन्वेस्टमेंट हो रहा है। यह एक बहुत ही अच्छा कदम है, जिससे मांग बढ़ती है। क्योंकि जैसे ही इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट होता है तो, ट्रकों की जरूरत बढ़ने लगती है और इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट होता है। इससे रोजगार बढ़ने लगता है और फिर खपत बढ़ने लगती है। इससे भी ट्रकों की बिक्री बढ़ती है। तो सरकार जीएसटी की दरों को घटाने की मांग को बहुत संतुलित तरीके से देखती है और फिर फैसला करती है कि क्या करना है। सवाल - जैसा आपने पहले बताया कि BS-IV से BS-VI में वाहनों का ट्रांज़िशन हुआ और फिर कोविड आ गया और सेल्स नीचे चली गई। आपको क्या लगता है कि सेल्स को नॉर्मल आने में कितना समय लगेगा? इसके अलावा अगर आप बता सकें कि टाटा मोटर्स की बिक्री पर इसका कितना अंतर पड़ा है? गिरीश वाघ- मैं 2-3 पॉइंट आपको बताऊंगा। कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री अर्थव्यवस्था से संबंधित है। मतलब जैसे ही अर्थव्यवस्था ऊपर जाती है ट्रकों बिक्री भी बढ़ जाती है। तो ट्रकों की बिक्री बढ़ने के लिए पूरी अर्थव्यवस्था का बढ़ना जरूरी है। हमनें देखा कि कोविड की जब पहली लहर आई और फिर लॉकडाउन लगा, तब इंडस्ट्री एकदम ही सिकुड़ गई थी। अभी अगर हम देखेंगे, तो दूसरी लहर आने के बाद इंडस्ट्री डाउन हुई लेकिन उतनी नहीं जितनी कि पहली लहर के दौरान हुई थी। ऐसे में, यह एक अच्छी चीज है। अभी हमको देखना है कि अर्थव्यवस्था कैसे धीरे-धीरे फिर से ट्रैक पे आएगी, जैसे कि पहली लहर के बाद आनी शुरू हो गई थी। दूसरी चीज यह है कि अभी दो चीजें हो रही हैं। पहला कि अभी फ्यूल की कीमतें बढ़ रही हैं, मतलब डील की कीमतें बढ़ रही हैं। डीजल की कीमतें जब बढ़ती हैं तो हमारे ग्राहक जो होते हैं, जिनको हम ट्रांसपोर्टर बोलते हैं उनके मुनाफे में कमी आने लगती है। लेकिन, जैसे फ्रेट उनको फ्रेट अवेलेबिलिटी बढ़ती जाती है वैसे हम देख रहे हैं कि धीरे-धीरे फ्रेट रेट भी बढ़ेगा और जब उनकी प्रोफिटेबिलिटी फिर से प्री-कोविड लेवल पे आयेगी, तब हम देखेंगे कि फ्रेट डिमांड भी है, प्रोफिटेबिलिटी भी अच्छी है तो बहुत सारे नए ग्राहक भी इसमें आयेंगे और डिमांड बढ़ेगा। तो दो-तीन चीजें इसमें होनी चाहिए। एक तो बेसिक इकॉनमी ऊपर जानी चाहिए, मतलब जीडीपी ग्रोथ ऊपर जानी चाहिए। और मैं बोलूँगा कि लास्ट ईयर, सेकंड हाफ, मतलब क्वार्टर 3, क्वार्टर 4 में थोड़ा अच्छा हमको देखने के लिए मिला था। लेकिन अभी तक इससे हम बाहर नहीं आये हैं, हमारी वॉल्यूम जो है वो प्री-कोविड लेवल से अभी भी बहुत नीचे है। और हम भी ये सोच रहे हैं कि इकॉनमी कैसे जल्दी से फिर से वापस आये। और इसका पॉज़िटिव इम्पैक्ट कॉमर्शियल व्हीकल सेल पे हो। सवाल- लाइट कॉमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में इलेक्ट्रिक वाहन लाने का आपका कोई प्रोग्राम है? गिरीश वाघ- अगर आप देखेंगे तो हमने पहले इलेक्ट्रिक बस क्षेत्र में कदम रखा है। हमारी 350 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें देश में पैसेंजर ग्राहकों को लेके जा रहीं हैं।अभी तक हमने उसमें 1.5 करोड़ किलोमीटर क्युमुलेटिव एक्सपीरियंस लिआ है। लेकिन, अभी दूसरा जो सेक्टर हम देखते हैं, जिसमें इलेक्ट्रिफिकेशन की पुल है, वह है स्मॉल कॉमर्शियल व्हीकल। ये ई-कॉमर्स या लास्ट माइल डिस्ट्रीब्यूशन जो हम बोलते हैं, राइट, उसमें इसकी जरूरत होगी और इसके ऊपर हम काम कर रहे हैं। जैसे ही हमारा प्रॉडक्ट डिवेलपमेंट कम्पलीट होगा हम इलेक्ट्रिक व्हीकल क्षेत्र में भी लेकर आयेंगे।
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