नई दिल्ली। भारत एक किसान प्रधान देश है, जहां आज भी 50 फीसदी से ज्यादा आबादी सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। ऐसे में किसानों का सबसे बड़ा दोस्त और उनकी ताकत है। यही, कारण है कि जब कोरोना काल में सभी वाहन कंपनियों की बिक्री में ऐतिसाहिक गिरावट दर्ज की जा रही थी, तब देश में ट्रैक्टर कंपनियां बंपर फायदे में थी। पूरे कोरोना काल में में लगातार इजाफा हुआ। यही कारण था कि लगभग सभी ट्रैक्टर कंपनियां इस दौरान फायदे में रहीं। ट्रैक्टरों की बिक्री की अहमियत को इस तरह से समझा जा सकता है कि पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा बिक्री कोरोना काल में हुई है। यही कारण है कि कोरोना काल में भी देश में कृषि क्षेत्र लगातार बढ़ता रहा। आज हम आपको पिछले 10 सालों में हुई ट्रैक्टरों की बिक्री के बारे में बताने जा रहे हैं। हम आपको साल 2010 से लेकर साल 2020 तक हुई ट्रैक्टरों की बिक्री के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके बाद आप खुद यह तय कर सकेंगे कि कैसे पिछले एक दशक में देश का किसान मजबूत हुआ है। तो डालते हैं एक नजर...
10 सालों की बिक्री |
ट्रैक्टरों की बिक्री |
बिक्री में कितना अंतर आया |
2010 |
4,70,369 |
|
2011 |
5,55,536 |
18 फीसदी बढ़ी बिक्री |
2012 |
5,43,855 |
2 फीसदी घटी बिक्री |
2013 |
6,35,769 |
17 फीसदी बढ़ी बिक्री |
2014 |
6,12,326 |
4 फीसदी घटी बिक्री |
2015 |
5,01,389 |
18 फीसदी घटी बिक्री |
2016 |
5,69,066 |
13 फीसदी बढ़ी बिक्री |
2017 |
6,77,975 |
19 फीसदी बढ़ी बिक्री |
2018 |
7,89,473 |
16 फीसदी बढ़ी बिक्री |
2019 |
7,23,518 |
8 फीसदी घटी बिक्री |
2020 |
8,02,670 |
11 फीसदी बढ़ी बिक्री |
पिछले 10 सालों में भारत में ट्रैक्टरों की बिक्री लगभग दोगुनी हो गई है। साल 2010 में जहां 4,70,369 ट्रैक्टरों की भारतीय बाजार में बिक्री हुई थी। वहीं, साल 2020 तक आते-आते यह बिक्री बढ़ कर 8,02,670 हो गई।
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