लिजी फिलिप, मुंबईटू-वीलर और कमर्शल वीइकल बनाने वाली कंपनियां और डीलर्स आने वाले दिनों में मॉडल्स पर भारी छूट दे सकते हैं, क्योंकि इस तरह की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के लिए अब तीन हफ्तों से भी कम का समय बचा है। यह जानकारी इंडस्ट्री एग्जिक्युटिव्स ने दी है। उन्होंने बताया कि कुछ मैन्युफैक्चरर्स के पास स्टॉक काफी अधिक है। देश में 1 अप्रैल से BS-VI एमिशन स्टैंडर्ड लागू हो जाएंगे और उसके बाद BS-IV स्टैंडर्ड वाली गाड़ियां बेचने या उनके रजिस्ट्रेशन की इजाजत नहीं होगी। डीलर्स का कहना है कि कुछ खास रंग और मॉडल को छोड़कर BS-IV पैसेंजर गाड़ियों की इनवेंटरी सुविधाजनक स्थिति में है, लेकिन टू-वीलर और छोटी कमर्शल गाड़ियों के मामले में हालात जुदा हैं। अनुभवी ऑटोमोबाइल डीलर और फेडरेशन ऑफ ऑटोमोटिव डीलर्स एसोसिएशन में अंतरराष्ट्रीय मामलों के डायरेक्टर निकुंज सांघी ने बताया, ‘अगर कोई डीलर 31 मार्च तक BS-IV स्टॉक निकाल नहीं पाता है, तो वह अनसोल्ड इनवेंटरी के साथ फंस जाएगा, क्योंकि 1 अप्रैल से खरीदार पुराने एमिशन नॉर्म्स वाली गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सकेंगे। इसे ध्यान में रखकर ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) डीलर्स को अतिरिक्त वित्तीय मदद दे रहे हैं। अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो उनकी बैलेंस शीट पर बुरा असर पड़ेगा। कोई भी डीलर हर प्रॉडक्ट पर अपने मुनाफे से अधिक डिस्काउंट नहीं दे सकता है।’ उन्होंने कहा कि BS-IV स्टॉक निकालने के विज्ञापन स्पष्ट संकेत देते हैं कि ये गाड़ियां मौजूदा छूट के साथ BS-VI वर्जन के मुकाबले काफी सस्ती हैं। फिलहाल एक्सचेंज बोनस सहित हीरो के प्लेजर और माएस्ट्रो स्कूटर्स के लिए 10,000 रुपये के करीब छूट मिल रही है। वहीं महिंद्रा पिकअप, कैंपर और मैक्सी ट्रक के लिए यह अधिकतम ₹40,000 रुपये है। BS-IV स्टॉक निकालने पर डीलर्स का फोकसदेशभर में ऑटो कंपनियां पुराना स्टॉक बिकवाने में जी-जान से जुटी हैं, क्योंकि कोई भी डीलर अनसोल्ड BS-IV गाड़ी का बोझ नहीं उठा सकता। डीलर्स को सलाह दी जा रही है कि जब तक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन न हो जाए, वे उसे ग्राहकों को न सौंपे। इस वक्त डीलर्स ग्राहकों को BS-VI वर्जन खरीदने के लिए लुभाने के बजाय अपना BS-IV स्टॉक निकालने पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। इसमें भी उनका ध्यान दोपहिया बेचने पर ज्यादा है। अपने नाम पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं डीलर्सडीलर्स इस महीने के आखिर में आरटीओ में रजिस्ट्रेशन में होने वाली संभावित देरी को लेकर भी परेशान हैं। मार्च में टेंपरेरी और अप्रैल में फाइनल रजिस्ट्रेशन करवाने जैसा भी कोई प्रावधान नहीं है। इंडस्ट्री एग्जिक्युटिव्स ने बताया कि कुछ डीलर हताशा में गाड़ियों का अपने नाम पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं और उन्हें अगले महीने सेकंड हैंड गाड़ी के रूप में बेच सकते हैं, लेकिन इसमें भी काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। पढ़ें: 13 पर्सेंट गिरी है बिक्री यह स्थिति ऐसे वक्त में उभरी है जब इंडस्ट्री अपने सबसे बुरे स्लोडाउन से गुजर रही है। अप्रैल 2019 से जनवरी 2020 के बीच बिक्री सालाना आधार पर करीब 13 पर्सेंट गिरकर 1.52 करोड़ यूनिट्स पर आ गई। ईवाई इंडिया में पार्टनर (ऑटो सेक्टर परफॉर्मेंस इंप्रूवमेंट) विनय रघुनाथ ने बताया, ‘जिन कंपनियों ने करीब 6-7 महीने पहले BS-IV गाड़ियों के प्रॉडक्शन और डिस्पैच सीमित करने का उपाय किया था, उनके पास इन्वेंट्री लेवल संभालने लायक है।’ पढ़ें:
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